iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन की एक महत्वपूर्ण दलहन फसल- मटर की खेती में इस बार भी किसानों का अच्छा उत्पाद एवं आकर्षण देखा जा रहा है क्योंकि इसका बाजार भाव काफी ऊंचा चल रहा है।
2022-23 सीजन के दौरान इसका बेहतर उत्पादन हुआ लेकिन घरेलू मांग मजबूत रहने से कीमतों में अच्छी तेजी बनी रही। मौजूदा समय में भी उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रों से देश के पूर्वी एवं पूर्वोत्तर प्रांतों में मटर का भारी लदान हो। इसमें बिहार, बंगाल, आसाम, झारखंड एवं उड़ीसा आदि राज्य शामिल है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन में 24 नवम्बर 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर मटर का कुल उत्पादन क्षेत्र 7.17 लाख हेक्टेयर पर रह गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 6.62 लाख हेक्टेयर से 55 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।
ध्यान देने की बात है कि उत्तर प्रदेश इसका सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है जबकि मध्य प्रदेश दूसरे नम्बर पर है। पिछले साल की तुलना में इस बार मटर का उत्पादन क्षेत्र उत्तर प्रदेश में 3.91 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.17 लाख हेक्टेयर तथा मध्य प्रदेश में 1.98 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.24 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
अरुणाचल प्रदेश में भी मटर का रकबा 20 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 25 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा। इसके अलावा आसाम में 2 हजार हेक्टेयर, नागालैंड में 3 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 46 हजार हेक्टेयर में मटर की बिजाई हो चुकी है।
जहां तक उड़द का सवाल है तो इसकी खेती खरीफ के साथ-साथ रबी सीजन में भी होती है। इसका बाजार भाव काफी ऊंचा चल रहा है लेकिन रबी सीजन में इसकी बिजाई मुख्यत: दक्षिण भारत में होती है जहां मौसम पहले अनुकूल नहीं था।
इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 2.45 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 1.96 लाख हेक्टेयर रह गया। इसका क्षेत्रफल तमिलनाडु में 1.59 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.21 लाख हेक्टेयर तथा आंध्र प्रदेश में 49 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 43 हजार हेक्टेयर रह गया। उड़ीसा में उड़द का रकबा 22 हजार हेक्टेयर पर लगभग स्थिर रहा।