iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक तेजी से घट रहा है लेकिन हालात अभी चिंताजनक नहीं हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 दिसम्बर 2023 को बफर स्टॉक में 183.57 लाख टन चावल तथा 191.96 लाख टन गेहूं के साथ कुल 375.53 लाख टन खाद्यान्न की मात्रा मौजूद थी।
इसके अलावा सरकार के पास 376.29 लाख टन एवं 1.83 लाख टन मोटे अनाजों का स्टॉक भी उपलब्ध था। इसके मुकाबले 1 नवम्बर 2023 को केन्द्रीय पूल में 419.14 लाख टन खाद्यान्न के कुल उपलब्ध स्टॉक में 200.38 लाख टन चावल एवं 218.76 लाख टन गेहूं की मात्रा शामिल थी।
ध्यान देने की बात है कि पिछले साल 1 दिसम्बर को खाद्यान्न का कुल स्टॉक 305.69 लाख टन रहा था जिसमें 115.42 लाख टन चावल एवं 190.27 लाख टन गेहूं शामिल था। उसके मुकाबले 1 दिसंबर 2023 को चावल का स्टॉक तो काफी अधिक है लेकिन गेहूं का स्टॉक कुछ ही ज्यादा है।
इतना ही नहीं बल्कि धान का स्टॉक भी बहुत अधिक नहीं है। 1 दिसम्बर 2022 को सरकार के पास 371.47 लाख टन धान का स्टॉक मौजूद था जबकि 1 दिसम्बर 2023 को इसकी मात्रा 376.29 लाख टन दर्ज की गई।
सरकार गेहूं के स्टॉक की जिस तरह अंधाधुंध बिक्री कर रही है उससे भविष्य में खाद्य महंगाई उछलने का खतरा बढ़ सकता है। थोक मंडियों में गेहूं का भाव ज्यादा नीचे नहीं आ रहा है जबकि इसकी बिजाई की गति भी धीमी है।
यदि इस बार गेहूं की पैदावार कम हुई तथा ऊंचे मंडी भाव के कारण सरकारी खरीद में गिरावट आई या अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच सकी तो स्थिति अगले साल विषम हो सकती है।
अल नीनो मौसम चक्र के खतरे को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। धान की सरकारी खरीद में भी कमी आने के संकेत मिल रहे हैं जिससे चावल का स्टॉक अपेक्षाकृत कम रह सकता है।