iGrain India - ब्यूनस आयर्स । लैटिन अमरीकी देश- अर्जेन्टीना के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा कुछ कृषि उत्पादों के निर्यात शुल्क में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी का प्रयास किए जाने की संभावना है लेकिन सोयाबीन पर टैक्स में इससे असर नहीं पड़ेगा।
आर्थिक विकास मंत्री ने अर्थ व्यवस्था में आ रही गिरावट को थामने के लिए कुछ उपायों का प्रस्ताव रखा है जिसमें कुछ उत्पादों पर निर्यात शुल्क में बढ़ोत्तरी करना भी शामिल है।
हालांकि उन्होंने संकेत दिया है कि निर्यात शुल्क में वृद्धि कृषि क्षेत्र पर लागू नहीं होगी मगर जानकारों का कहना है कि कृषि पर आधारित उद्योगों में निर्मित माल पर यदि निर्यात शुल्क बढ़ता है तो परोक्ष रूप से कृषि क्षेत्र भी उसमें प्रभावित होगा।
उल्लेखनीय है कि अर्जेन्टीना दुनिया में सोयातेल एवं सोयामील का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है जबकि मक्का के निर्यात में तीसरे नम्बर पर है। इसके अलावा वहां से गेहूं का निर्यात भी बड़े पैमाने पर होता है। अर्जेन्टीना में फिलहाल गेहूं एवं मक्का पर 12-12 प्रतिशत तथा सोयाबीन पर 33 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा हुआ है।
कृषि उत्पादों पर निर्यात शुल्क में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव का विधेयक जल्दी ही संसद में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। सरकार इस आशय का विधेयक तैयार कर रही है।
यदि विधेयक को मंजूरी मिल जाती है तो अर्जेन्टीना का कृषि उत्पाद वैश्विक बाजार में कुछ महंगा हो सकता है। पिछले साल वहां भयंकर सूखा पड़ा था जिससे इस वर्ष सोयाबीन एवं मक्का के साथ-साथ गेहूं के उत्पादन में भी भारी गिरावट आ गई है।
सोयातेल एवं सोयामील के निर्यात दायित्वों को पूरा करने के लिए अर्जेन्टीना के क्रशिंग- प्रोसेसिंग उद्योग को विदेशों से विशाल मात्रा में सोयाबीन का आयात करने केलिए विवश होना पड़ा जबकि बाद में सरकार न सोया डॉलर योजना लागू करके उत्पादकों को अपने सोयाबीन का स्टॉक बेचने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे उसके घरेलू बाजार में सोयाबीन की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति में कुछ सुधार आ गया।