iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी उद्योग संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ ऑफ इंडिया (सी) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के प्रथम माह यानी नवम्बर संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के प्रथम माह यानी नवम्बर 2023 के दौरान देश से ज्यादा मगर नवम्बर 2022 के विशाल आयात 15.29 लाख टन से काफी कम है।
'सी' के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर की तुलना में नवम्बर के दौरान देश में आरबीडी पामोलीन का आयात 54 हजार टन से उछलकर 1.71 लाख टन, क्रूड पाम तेल का आयात 6.42 लाख टन से बढ़कर 6.92 लाख टन तथा क्रूड सोयाबीन तेल का आयात 1.35 लाख टन से सुधरकर 1.50 लाख टन पर पहुंच गया।
दूसरी ओर इसी अवधि में क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात 1.54 लाख टन से घटकर 1.29 लाख टन एवं क्रूड पाम कर्नेल तेल का आयात 13 हजार टन से गिरकर 6 हजार टन पर सिमट गया।
नवम्बर 2022 के दौरान भारत में 2.02 लाख टन आर बीडी पामोलीन, 9.31 लाख टन क्रूड पाम तेल, 1.58 लाख टन क्रूड सूरजमुखी तेल, 2.29 लाख टन क्रूड डिगम्ड सोयाबीन तेल तथा 8 हजार टन क्रूड पाम कर्नेल तेल का आयात हुआ था।
अक्टूबर में घटने के बाद आर बीडी पामोलीन का आयात नवम्बर में पुनः बढ़ गया जो गंभीर चिंता का विषय है। उद्योग संगठन सरकार से इसके आयात पर अंकुश लगाने का बार-बार आग्रह कर रहा है लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
वर्तमान समय में क्रूड खाद्य तेलों पर 5.50 प्रतिशत एवं रिफाइंड खाद्य तेलों पर 13.75 प्रतिशत का आयात लगा हुआ है और दोनों के बीच केवल 8.25 प्रतिशत का शूल्कांतर है। इससे आयातकों को रिफाइंड पामोलीन मंगाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है।
उद्योग संगठनों का कहना है कि दोनों श्रेणियों के खाद्य तेलों के बीच कम से कम 15-20 प्रतिशत का शूल्कांतर होना चाहिए ताकि स्वदेशी रिफाइनिंग उद्योग को आयातित सस्ते पामोलीन की चुनौती का सामना करने में सहायता मिल सके।
1 दिसम्बर 2023 को बंदरगाहों पर 9.85 लाख टन तथा पाइप लाइन में 19.75 लाख टन के साथ कुल 29.60 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक उपलब्ध है।