iGrain India - एडिलेड । ऑस्ट्रेलिया के कई भागों में हुई बेमौसमी वर्षा से दलहन फसलों को नुकसान हो रहा है और पिछैती बिजाई वाली फसल की उपज दर तथा क्वालिटी प्रभावित होने की आशंका है।
साउथ ऑस्ट्रेलिया तथा विक्टोरिया जैसे प्रांतों में जहां दलहन फसलों की बिजाई देर से हुई और वह लेट से परिपक्व (मैच्योर) हुई उसे अब हानि हो रही है। इसमें मसूर, मटर, फाबा बीन्स तथा ल्यूपिन जैसे दलहन शामिल हैं।
वैसे बारिश का दौर आरंभ होने से पूर्व ही दलहनों की अधिकांश फसलों की कटाई-तैयारी पूरी हो चुकी थी इसलिए कुल उत्पादन में ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है लेकिन लेट मैच्योरिंग वाली फसल की क्वालिटी अवश्य प्रभावित होगी जिसे सामान्य मूल्य पर बेचना मुश्किल होगा। वर्षा से पहले तक फसलों की उपज दर एवं क्वालिटी अच्छी थी।
दलहनों का आपूर्ति पक्ष कुछ कमजोर पड़ गया है क्योंकि उत्पादक अन्य क्षेत्रों में फसल को हुई क्षति और खासकर क्वालिटी की स्थिति की सही जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अपने स्टॉक की बिक्री में ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं।
आंधी-तूफान के साथ हाल में हुई जोरदार बारिश से दलहन फसलों को हुए नुकसान की वास्तविक तस्वीर सामने आने तक उत्पादक अपने स्टॉक की बिक्री की गति धीमी रख सकते हैं।
लेकिन इस बारिश से ऑस्ट्रेलिया में खेतों की मिटटी में नमी का अंश बढ़ गया है जिससे प्रमुख ग्रीष्मकालीन दलहन-मूंग की खेती करने में किसानों को अच्छी सहायता मिल सकती है।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख चना उत्पादक राज्य- क्वींसलैंड तथा उत्तरी न्यू साउथ वेल्स में फसल की कटाई-तैयारी नवम्बर में ही पूरी हो गई थी इसलिए हाल की बारिश से उसे कोई नुकसान नहीं हुआ।
सरकारी एजेंसी- अबारेस ने चालू सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 5.28 लाख टन चना के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है जो सितम्बर के अनुमान से 5 हजार टन कम है।
शिपर्स के अनुसार क्वींसलैंड के बंदरगाहों से मध्य जनवरी तक तीन जहाजों में चना का शिपमेंट होने की उम्मीद है। यह माल दक्षिण एशिया के देशों में भेजा जाएगा जो 10 मार्च को होने वाले रमजान पर्व से पूर्व वहां पहुंचेगा।