iGrain India - मुम्बई । विभिन्न कारणों से वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान खाद्य तेलों के वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी-मजबूती का माहौल बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
सोयाबीन के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- ब्राजील में न केवल महत्वपूर्ण तिलहन फसल के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं बल्कि प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की औसत उपज दर भी घटने की आशंका है जिससे कुछ उत्पादन कमजोर पड़ सकता है।
इसी तरह अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप से इंडोनेशिया में तथा मलेशिया के साथ-साथ थाईलैंड में भी पाम तेल का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।
ब्राजील के पड़ोसी देश- अर्जेन्टीना में 2022-23 सीजन के दौरान सोयाबीन के उत्पादन में जबरदस्त गिरावट आ गई थी और वहां इसका सीमित स्टॉक बचा हुआ है।
उसके क्रशिंग-प्रोसेसिंग उद्योग को अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए विदेशों से भारी मात्रा में सोयाबीन का आयात करना पड़ रहा है।
बायो डीजल निर्माण में वनस्पति तेलों का उपयोग बढ़ने से खाद्य उद्देश्य के लिए इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता में कमी आ सकती है। इंडोनेशिया में बायोडीजल निर्माण में पाम तेल का उपयोग बढ़ाया जा रहा है।
उधर ब्राजील सरकार ने मार्च 2024 में 14 प्रतिशत बायो डीजल के मिश्रण का आदेश दिया है जिसका मतलब यह हुआ कि इसके उत्पादन में सोयाबीन तेल का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
ज्ञात हो कि कीमतों में तेजी को नियंत्रित करने के लिए पहले इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था मगर अब दोबारा आरंभ किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ब्राजील में बायोडीजल के कुल उत्पादन में सोयाबीन से निर्मित उत्पाद की भागीदारी 70 प्रतिशत के करीब रहती है।
मोटे अनुमान के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान ब्राजील में करीब 113 लाख टन सोया तेल का उत्पादन हो सकता है जिसमें से 53 लाख टन तेल का उपयोग बायो डीजल के निर्माण में होगा और करीब 23.50 लाख टन का विदेशों में निर्यात किया जाएगा जबकि सोयाबीन के शेष स्टॉक की खपत घरेलू प्रभाग में हो सकती है।
रूस-यूक्रेन में सूरजमुखी तेल का स्टॉक घट रहा है। रूस से इसके भारी निर्माण का सिलसिला जारी है। यदि वैश्विक बाजार में पाम तेल एवं सोयाबीन तेल का भाव बढ़ता है तो उसके पीछे-पीछे सूरजमुखी तेल एवं कैनोला तेल का दाम भी मजबूत हो सकता है।