iGrain India - सिंगापुर । इंडोनेशिया एवं मलेशिया जैसे शीर्ष उत्पादक एवं निर्यातक देशों में पाम तेल का भाव पिछले कुछ दिनों से नरमी की गिरफ्त में था मगर आगामी समय के दौरान इसमें कुछ तेजी आने की संभावना है क्योंकि एक तरफ भारत और चीन जैसे प्रमुख आयातक देशों में इसकी मांग बढ़ने की संभावना है तो दूसरी ओर उत्पादक देशों में अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप से उत्पादन प्रभावित होने का अनुमान है।
वैसे भी क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा भाव मलेशिया में घटकर पहले ही काफी नीचे आ चुका है जबकि रिफाइंड पामोलीन का दाम भी नरम चल रहा है। इसके फलस्वरूप दिसम्बर 2023 के दौरान भारत में इसके आयात में भारी बढ़ोत्तरी हो गई।
वस्तुत: इंडोनेशिया सरकार अपने स्वदेशी रिफाइनिंग उद्योग को मजबूत बनाने के लिए भरपूर प्रोत्साहन दे रही है जिससे उसे इसका निर्यात बढ़ाने का अनुकूल अवसर मिल रहा है।
भारत में आरबीडी पामोलीन पर आयात शुल्क ज्यादा ऊंचा नहीं है इसलिए इसे मंगाने में आयातक ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं मगर इससे भारतीय रिफाइनिंग उद्योग को नुकसान हो रहा है।
लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में प्रतिकूल मौसम के कारण सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित होने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन इस बार अर्जेन्टीना में फसल की हालत काफी अच्छी बताई जा रही है।
मालूम हो कि ब्राजील सोयाबीन का तथा अर्जेन्टीना सोया तेल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है। यदि ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन कमजोर रहता है और बायोडीजल में सोयाबीन तेल का उपयोग बढ़ता है तो इसके वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी आ सकती है।
इसका असर पाम तेल के दाम पर भी पड़ सकता है। स्वयं इंडोनेशिया में बायोडीजल निर्माण में पाम तेल का भारी उपयोग होने लगा है जिससे वह बकाया स्टॉक का दबाव घटने लगा है।
वर्ष 2023 के दौरान इंडोनेशिया सरकार द्वारा 252 लाख टन पाम तेल उत्पादों के निर्यात के लिए परमिट जारी किया गया।