iGrain India - वारंगल । दक्षिण भारतीय राज्य- तेलंगाना में लालमिर्च उत्पादकों को प्रचलित बाजार भाव से बहुत कम दाम मिल रहा है जिससे उसका आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
पिछले दिन वारंगल के एनुमामूला कृषि उत्पाद विपणन समिती (एपीएमसी) के परिसर में असंख्य किसानों ने धरना प्रदर्शन का आयोजन किया।
मालूम हो कि यह मंडी एशिया में लालमिर्च की सबसे बड़ी मंडियों में से एक है। उत्पादकों की शिकायत है कि तेजा वैरायटी का बाजार भाव 21000/21500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है मगर उसे केवल 11,000 से 17,000 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य का ही भुगतान हो रहा है।
इस तरह लालमिर्च के मंडी मूल्य एवं किसानों को मिलने वाले दाम में 4000 से 10000 रुपए प्रति क्विंटल तक का अंतर बना हुआ है। मंडी समिती के अधिकारी लालमिर्च उत्पादकों से न तो अच्छा व्यवहार करते हैं और न ही इस भारी मूल्यांतर का कोई ठोस कारण बताते हैं। किसानों के उग्र होते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मंडी परिसर में पुलिस बुलाई गई जिससे उत्पादकों को शांत किया।
वारंगल एवं खम्मम जिले के विभिन्न भागों से लालमिर्च उत्पादक एनुमामूला मंडी में विरोध के लिए एकत्रित हुए थे। इस मंडी में लालमिर्च बेचने आए किसानों ने कहा कि व्यापारी तेजा वैरायटी के लिए बहुत नीचे दाम का ऑफर दे रहे हैं।
मेहबूबाबाद जिले के उत्पादकों ने आरोप लगाया कि मार्केट यार्ड के एजेंटों एवं व्यापारियों ने सिंडीकेट बना लिया है और वे मनमाने ढंग से लालमिर्च की कीमत तय कर रहे हैं। विपणन समिति के अधिकारियों का भी उन्हेँ सहयोग- समर्थन मिल रहा है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि मंडी समिति के नोटिस बोर्ड पर तेजा वैरायटी का भाव 21000 रुपए प्रति क्विंटल लिखा जाता है मगर किसानों से महज 11,000 से 17,000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीद का प्रयास किया जाता है।
उत्पादकों ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने का आग्रह किया है।
विपणन समिति के सचिव ने कहा है कि कमीशन एजेंटों, मार्केट स्टॉक एवं व्यापारियों को खरीदी जाने वाली लालमिर्च की क्वालिटी की समीक्षा करने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि यदि उत्पाद की क्वालिटी अच्छी है तो किसानों को ऊंचे मूल्य का भुगतान किया जाना चाहिए।