iGrain India - कुआलालम्पुर । इंडोनेशिया के बाद दुनिया में पाम तेल के दूसरे सबसे प्रमुख उत्पादन एवं निर्यातक देश-मलेशिया पर अल नीनो का प्रभाव दिखाई पड़ने लगा है। वहां इस महत्वपूर्ण वनस्पति तेल के उत्पादन में गिरावट आने लगी है।
सरकारी संस्था- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि नवम्बर के मुकाबले दिसम्बर 2023 के दौरान देश में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन 13.31 प्रतिशत घटकर 15,50,797 टन पर अटक गया और दिसम्बर के अंत में वहां इसका बकाया अधिशेष स्टॉक भी 9.43 प्रतिशत गिरकर 11,97,939 टन रह गया।
दूसरी तरफ प्रोसेस्ड पाम तेल (सीपीओ) का स्टॉक 1.23 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 10,93,228 टन पर पहुंच गया।
प्रोसेस्ड पाम तेल में मुख्यत: आरबीडी पामोलीन एवं रिफाइंड पाम तेल शामिल है। एम्पोब की रिपोर्ट से पता चलता है कि नवम्बर की तुलना में दिसम्बर 2023 की समाप्ति पर मलेशिया में पाम तेल का कुल बकाया अधिशेष स्टॉक 4.64 प्रतिशत गिरकर 22,91,167 टन रह गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान मलेशिया में पाम कर्नेल तेल का कुल अधिशेष स्टॉक भी 6.58 प्रतिशत गिरकर 4,20,478 टन पर आ गया।
एम्पोब की मासिक रिपोर्ट के अनुसार मलेशिया से दिसम्बर 2023 में 13,34,441 टन पाम तेल उत्पादों का निर्यात हुआ जो नवम्बर के कुल शिपमेंट से 5.12 प्रतिशत कम रहा। इसी तरह मलेशिया में विदेशों से इस अवधि में पाम तेल का आयात भी 7.87 प्रतिशत घटकर 36,573 टन पर अटक गया।
भारत और चीन मलेशियाई पाम तेल के दो प्रमुख खरीदार हैं। इसके अलावा कई अन्य देश भी वहां से अच्छी मात्रा में इसका आयात करते हैं।
उत्पादन एवं अधिशेष स्टॉक में आई गिरावट का मलेशियाई पाम तेल के वायदा मूल्य पर आंशिक रूप से सकारात्मक असर पड़ सकता है और इसके बेंचमार्क भाव में थोड़ा सुधार आ सकता है।