iGrain India - अहमदाबाद । दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- गुजरात एवं राजस्थान में पिछले सीजन के मुकाबले इस बार जीरा के बिजाई क्षेत्र में शानदार इजाफा हुआ है और कुल मिलाकर मौसम की हालत भी सामान्य बनी हुई है।
यदि अगले चार-पांच सप्ताहों तक मौसम संतोषजनक रहा तो चालू वर्ष के दौरान देश में जीरा का उत्साहवर्धक उत्पादन हो सकता है। इसके फलस्वरूप इस महत्वपूर्ण मसाले के दाम पर भारी दबाव देखा जा रहा है।
जीरा का हाजिर बाजार भाव सितम्बर 2023 में उछलकर 61,000 रुपए प्रति क्विंटल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था जो जनवरी 2024 तक आते-आते घटकर 31,000 रुपए प्रति क्विंटल के करीब रह गया। इस तरह जीरे की कीमतों में आए उछाल का प्रभाव समाप्त हो गया है और अब यह लगभग सामान्य स्तर पर आ गया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार शानदार उत्पादन की उम्मीद को देखते हुए आगामी महीनों में जीरा के घरेलू बाजार भाव में ज्यादा तेजी आने की संभावना नहीं है लेकिन नीचे दाम पर निर्यात मांग बढ़ने से कीमतों में थोड़ी बहुत मजबूती आ सकती है। वर्ष 2023 में जीरा का निर्यात प्रदर्शन इसलिए कमजोर रहा क्योंकि इसका घरेलू बाजार भाव काफी ऊंचा चल रहा था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2018-19 के सीजन के दौरान गुजरात में 3.20 लाख टन एवं राजस्थान में 3.80 लाख टन सहित कुल 7.00 लाख टन जीरा का घरेलू उत्पादन हुआ था जो 2019-20 में 9.10 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने के बाद 2020-21 में घटकर 8.00 लाख टन एवं 2021-22 के सीजन में गिरकर 5.60 लाख टन रह गया।
2022-23 के सीजन उत्पादन कुछ सुधरकर 6.30 लाख टन पर पहुंचा। इसमें गुजरात में 3.50 लाख टन तथा राजस्थान में 2.80 लाख टन का उत्पादन शामिल था। ध्यान देने की बात है कि उद्योग-व्यापार क्षेत्र का जीरा उत्पादन का आंकड़ा सरकारी अनुमान से काफी छोटा है।
जहां तक भारत से जीरा के निर्यात का सवाल है तो 2021-22 में इसका आंकड़ा 1,85,640 टन रहा था जो 2022-23 में करीब 24 प्रतिशत घटकर 1,36,612 टन रह गया वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से अक्टूबर (2023) के दौरान 1,03,926 टन जीरा का निर्यात होने का अनुमान लगाया गया है।
यह आंकड़ा एक कॉमोडिटी एक्सचेंज का है। जीरा का बिजाई क्षेत्र गुजरात में 5.44 लाख हेक्टेयर एवं राजस्थान में 6.77 लाख हेक्टेयर पर पहुंच चुका है।