iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी उद्योग समीक्षक का कहना है कि 2022-23 के मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में करीब 29 लाख टन क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात हुआ था।
यदि सोयाबीन तेल एवं पाम तेल की तुलना में भाव प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार रहा तो 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में सूरजमुखी तेल का आयात 10 प्रतिशत और बढ़कर 32-33 लाख टन पर पहुंच सकता है। रूस तथा यूक्रेन में सूरजमुखी तेल का निर्यात ऑफर मूल्य फिलहाल आकर्षक स्तर पर चल रहा है।
पतंजलि फूड्स के वाइस प्रेसिडेंट का कहना है कि अगर सोयाबीन तेल का भाव 40-50 डॉलर प्रति टन ऊंचा रहा और सुजरमुखी तेल तथा पाम तेल की कीमतों के बीच ज्यादा अंतर नहीं रहा तो भारतीय रिफाइनर्स स्वाभाविक रूप से क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ाने का प्रयास करेंगे और तब यह बढ़कर 32-33 लाख टन पर पहुंच जाएगा।
यूक्रेन तथा रूस में सूरजमुखी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी का सिलसिला बरकरार रहने पर इसके तेल का भाव नरम रह सकता है। ऐसी हालत में अगले कुछ वर्षों के दौरान भारत में सूरजमुखी तेल का आयात बढ़कर सोयाबीन तेल से आगे निकल सकता है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवम्बर 2023 में भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच का खर्च क्रूड सोयाबीन तेल का 1068 डॉलर प्रति टन, क्रूड सूरजमुखी तेल का 979 डॉलर प्रति टन, क्रूड पाम तेल का 897 डॉलर प्रति टन तथा आरबीडी पामोलीन का 876 डॉलर प्रति टन बैठ रहा था।
दूसरी ओर केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि सूरजमुखी तेल का औसत मासिक खुदरा भाव अक्टूबर में 141.86 रुपए प्रति किलो, नवम्बर में 140.44 रुपए प्रति किलो तथा दिसम्बर 2023 में 139.96 रुपए प्रति किलो रहा।
हाल के वर्षों के दौरान भारत में डि-वैक्सिंग क्षमता की बढ़ोत्तरी में भारी निवेश किए गए हैं जो सूरजमुखी तेल की रिफाइनिंग के लिए आवश्यक है। विश्लेषक के मुताबिक भारत में प्रति माह सूरजमुखी तेल की औसत खपत बढ़कर 2.70-2.75 लाख टन पर पहुंच सकती है।
बशर्ते इसका आयात खर्च 900-950 डॉलर प्रति टन के बीच स्थिर बना रहे तथा अन्य खाद्य तेलों के साथ प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार रहे।
लेकिन यदि औसत आयात खर्च में बढ़ोत्तरी हुई तो मासिक खपत घटकर 2.00-2.50 लाख टन के बीच आ सकती है। नवम्बर की तुलना में दिसम्बर 2023 के दौरान देश में सूरजमुखी तेल का आयात 102 प्रतिशत उछलकर 2.61 लाख टन पर पहुंच गया जो दिसम्बर 2022 के कुल आयात 1.94 लाख टन 35 प्रतिशत ज्यादा है।