iGrain India - राजकोट । धनिया के एक प्रमुख उत्पादक प्रान्त- गुजरात में चालू रबी सीजन के दौरान इस महत्पूवर्ण मसाला फसल के बिजाई क्षेत्र में भारी गिरावट आई है जिससे इसका उत्पादन काफी घटने की संभावना है।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरात में इस बार धनिया का कुल उत्पादन क्षेत्र घटकर 1.27 लाख हेक्टेयर पर अटक गया जो पिछले सीजन के बिजाई क्षेत्र 2.22 लाख हेक्टेयर से 95 हजार हेक्टेयर या 43 प्रतिशत कम है। वहां धनिया की बिजाई की प्रकिया लगभग समाप्त हो चुकी है।
दरअसल इस बार राज्य के सबसे महत्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्र में धनिया की खेती पर किसानों ने बहुत कम ध्यान दिया जबकि जीरा का क्षेत्रफल बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। उसका कारण भी स्पष्ट है।
वर्ष 2023 में जहां एक ओर जीरा का भाव उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा वहीँ दूसरी तरफ धनिया का दाम स्थिर या नरम रहा। इससे किसानों के धनिया के बजाए जीरा से बहुत अधिक कमाई प्राप्त हुई।
ध्यान देने की बात है कि गुजरात में धनिया का सर्वाधिक सौराष्ट्र संभाग में होता है। वहां इसका बिजाई क्षेत्र गत सीजन के 2.19 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 1.23 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है।
उत्तरी गुजरात में इसका क्षेत्रफल करीब 67 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 500 हेक्टेयर पर पहुंचा जो पिछले सीजन में 300 हेक्टेयर ही रहा था। इसी तरह कच्छ संभाग में धनिया का रकबा 2500 हेक्टेयर से सुधरकर 2600 हेक्टेयर पर पहुंचा है।
गुजरात के मध्यवर्ती भाग में धनिया का बिजाई क्षेत्र 500 हेक्टेयर के पिछले साल के स्तर पर स्थिर रहा।
फिलहाल मौसम की हालत धनिया की फसल के लिए लगभग सामान्य बना हुआ है लेकिन फरवरी-मार्च का मौसम इसके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
यदि उन दो महीनों में आंधी-तूफान के साथ जोरदार बेमौसमी वर्षा नहीं हुई और न ही ओले पड़े तो धनिया की फसल काफी हद तक सुरक्षित रह सकती है मगर इन प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप रहने पर उत्पादन में जबरदस्त गिरावट आ सकती है।
राजस्थान में भी धनिया की खेती में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण घटने की सूचना मिल रही है जबकि मध्य प्रदेश में सामान्य बिजाई होने की खबर है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक उत्पादन घटने एवं निर्यात मांग बढ़ने पर धनिया का भाव दूसरी छमाही में मजबूती हो सकता है। तब तक आपूर्ति का लीन या ऑफ सीजन भी आरंभ हो जाएगा। वैसे इसका पिछले स्टॉक ठीक-ठाक बताया जा रहा है।