iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में बढ़ती खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में आम उपभोक्ताओं को रियायती मूल्य पर खाद्य उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी शामिल है जिसके लिए केन्द्रीय पूल में उपलब्ध स्टॉक का उपयोग किया जा रहा है।
वर्तमान समय में भारत ब्रांड नाम के तहत गेहूं के आटा तथा चना दाल के साथ प्याज की बिक्री रियायती मूल्य पर की जा रही है जबकि सरकार अब इसमें चावल के अनुसार वर्तमान में सरकारी बफर स्टॉक में करीब 15 लाख टन चना का भंडार है और सरकारी एजेंसियों को यह 47.83 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध करवाया जा रहा है। ये एजेंसियों साबुत चना की मिलिंग प्रोसेसिंग और पॉलिशिंग- पैकेजिंग करवाती हैं और फिर 60 रुपए प्रति किलो की दर से चना दाल आम उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाती हैं। खुले बाजार में अन्य ब्रांड के चना दाल की कीमत 80-85 रुपए प्रति किलो चल रही है।
इसी तरह भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास मौजूद गेहूं का स्टॉक सरकारी एजेंसियों को रियायती मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाता है जो इसकी मिलिंग-प्रोसेसिंग करवाती हैं और फिर 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं के आटे की बिक्री करती हैं। इन एजेंसियों में नैफेड, एनसीसीएफ तथा केन्द्रीय भंडार के अलावा पांच प्रांतीय संस्थाएं भी शामिल हैं। सरकार को आटा तथा चना दाल की बिक्री जारी रखने में कोई कठिनाई नहीं होगी। सरकारी बिक्री के कारण खुले बाजार में गेहूं तथा चना के दाम में कुछ हद तक स्थिरता आ गई है मगर चावल का ऊंचा भाव सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।
इसे देखते हुए अब भारत ब्रांड नाम से ही सरकारी चावल की बिक्री आरंभ करने पर विचार हो रहा है।