iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आयोजित की जाने वाली साप्ताहिक ई-नीलामी में गेहूं का भाव सुधर रहा है।
पिछले एक माह के दौरान इसमें 61 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हो चुका है। गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने में 40-45 दिनों की देर है जबकि 31 मार्च 2024 से गेहूं की सरकारी बिक्री बंद हो जाएगी। पिछले एक सप्ताह में गेहूं का नीलामी मूल्य 39 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा है जिसे सामान्य माना जा रहा है क्योंकि अब यह 2275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की ओर बढ़ रहा है।
बुधवार को आयोजित नवीनतम नीलामी के दौरान गेहूं का औसत बिक्री मूल्य 2234.37 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो पिछले सप्ताह 2194.95 रुपए प्रति क्विंटल रहा था।
इससे पूर्व 13 दिसम्बर 2023 को यह घटकर 2172.94 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया था। नवीनतम नीलामी के दौरान 3.78 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई और इसके साथ ही ओएमएसएस के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम के गेहूं की कुल बिक्री बढ़कर 62.51 लाख टन पर पहुंच गई। मालूम हो कि खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 28 जून 2023 को गेहूं की पहली ई-नीलामी आरंभ हुई थी।
गेहूं की बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है और करीब 40 दिनों के बाद इसकी नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो जाने की संभावना है। सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 सीजन के 2125 रुपए रुपए क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
मिलर्स-प्रोसेसर्स को लगता है कि 31 मार्च के बाद उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचे दाम पर गेहूं खरीदने के लिए विवश होना पड़ सकता है इसलिए वे अभी से सरकारी गेहूं की अधिक खरीद करने लगे हैं।
ई-नीलामी में गेहूं का रिजर्व मूल्य 2130 रुपए प्रति क्विंटल नियत है जो इसकी कुल आर्थिक लागत 2703 रुपए प्रति क्विंटल से काफी कम है।
9 जनवरी को अखिल भारतीय स्तर पर गेहूं का औसत खुदरा मूल्य बढ़कर 31.11 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जो उससे पिछले सप्ताह 30.95 रुपए प्रति किलो था।