iGrain India - अहमदाबाद । एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपनी नई मासिक रिपोर्ट में 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 311 लाख गांठ रूई की घरेलू खपत होने की संभावना व्यक्त की है जो पिछले अनुमान के बराबर ही है।
एसोसिएशन ने चालू सीजन में कपास की कुल प्रेसिंग मात्रा को भी 294.10 लाख गांठ के पिछले स्तर पर बरकरार रखा है। ज्ञात हो कि कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है।
संस्था का यह नया आंकड़ा 11 प्रमुख कपास उत्पादक प्रांतों के अपने सदस्यों (राज्य स्तरीय एसोसिएशन) तथा अन्य व्यापारिक स्रोतों से प्राप्त इनपुट पर आधारित है।
कपास के प्रमुख उत्पादक राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, हरियाणा मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु एवं उड़ीसा शामिल हैं।
सीएआई के अनुसार 1 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2023 के तीन महीनों के दौरान कपास की कुल उपलब्धता 148.90 लाख गांठ दर्ज की गई जिसमें 116 लाख गांठ का उत्पादन, 4 लाख गांठ का आयात तथा 28.90 लाख गांठ का पिछला बकाया स्टॉक शामिल था।
एसोसिएशन के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 81 लाख गांठ कपास का घरेलू उपयोग तथा 5 लाख गांठ रूई का निर्यात हुआ।
उसके बाद दिसम्बर के अंत में 62.90 लाख गांठ का अधिशेष स्टॉक बचा हुआ था। इसमें से 36 लाख गांठ का स्टॉक टेक्सटाइल मिलों के पास मौजूद था जो उसकी करीब 42 दिनों की खपत के लायक था।
इसके अलावा शेष 26.90 लाख गांठ कपास का स्टॉक भारतीय कपास निगम (सीसीआई), महाराष्ट्र फेडरेशन तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों, व्यापारियों एवं जिनर्स के पास था।
एसोसिएशन ने 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन में कपास की कुल उपलब्धता का अनुमान 345 लाख गांठ के पिछले स्तर पर बरकरार रखा है जिसमें 28.90 लाख गांठ का पिछला बकाया स्टॉक, 294.10 लाख गांठ का अनुमानित उत्पादन एवं 22 लाख गांठ का संभावित आयात सम्मिलित है।
पिछले सीजन के मुकाबले चालू मार्केटिंग सीजन में रूई का आयात 9.50 लाख गांठ अधिक होने का अनुमान लगाया गया है।
दूसरी ओर देश से रूई का निर्यात 2022-23 सीजन के 15.50 लाख गांठ से घटकर 2023-24 के सीजन में 14 लाख गांठ पर अटक जाने की संभावना है। देश के सभी उत्पादक राज्यों में कपास की नई फसल की अच्छी आवक हो रही है।