iGrain India - ब्रिसबेन । आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर माह से मसूर के नए माल की आवक शुरू हो जाती है और नवम्बर से इसका निर्यात बढ़ने लगता है। अक्टूबर तक अधिकांशत: पुराने स्टॉक का ही शिपमेंट होता है।
ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2023 में वहां से 97,841 टन मसूर का निर्यात हुआ था जो नवम्बर 2023 में बढ़कर 1,23,222 टन पर पहुंच गया जो पिछले साल से करीब चार गुणा अधिक रहा। भारत इसका सबसे प्रमुख खरीदार बना हुआ है।
ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया से कुल 1,23,222 टन मसूर का निर्यात हुआ उसमें से 1,02,569 टन का शिपमेंट अकेले भारत को किया गया।
इसके बाद श्रीलंका को 7679 टन तथा पाकिस्तान को 4780 टन मसूर की खेप भेजी गई। 2022-23 सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में मसूर का उत्पादन तेजी से बढ़कर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जिससे उसे इसके रिकॉर्ड निर्यात करने का अवसर मिल गया। इसके मुकाबले 2023-24 सीजन का उत्पादन काफी घटने की संभावना है लेकिन फिर भी दूसरे सबसे ऊंचे स्तर पर मौजूद रहेगा।
लेकिन दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया से अक्टूबर के मुकाबले नवम्बर में चना का निर्यात कम हुआ। ब्यूरो के अनुसार नवम्बर 2023 में ऑस्ट्रेलिया से केवल 38,139 टन चना का निर्यात हो सका जो अक्टूबर के कुल शिपमेंट 80,426 टन से 53 प्रतिशत कम रहा। नवम्बर 2022 के दौरान वहां से 57,462 टन चना का निर्यात हुआ था।
नवम्बर 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से संयुक्त अमीरात को सर्वाधिक 13,768 टन, बांग्ला देश को 7587 टन एवं नेपाल के 4735 टन चना का निर्यात किया गया। ऑस्ट्रेलिया से मुख्यत: लाल मसूर तथा देसी चना का निर्यात होता है।