iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में 2023-24 सीजन के दौरान चावल का उत्पादन विश्व स्तर पर घटकर 51.10 करोड़ टन पर सिमटने की संभावना व्यक्त की है जो पिछले अनुमान 52.10 करोड़ टन से एक करोड़ टन तथा 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 51.40 करोड़ टन से 30 लाख टन कम है।
इससे पूर्व चावल का वैश्विक उत्पादन 2021-22 के सीजन में भी 51.40 करोड़ टन तथा 2020-21 के सीजन में 50.९० करोड़ टन आंका गया था।
आईजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक चावल का वैश्विक कारोबार भी 2022-23 सीजन के 510 लाख टन से गिरकर 2023-24 के सीजन में 500 लाख टन पर सिमटने की संभावना है जबकि इसकी मात्रा 2021-22 में 560 लाख टन एवं 2020-21 में 510 लाख टन दर्ज की गई थी।
कौंसिल ने चावल की वैश्विक खपत 2022-23 सीजन के 52 करोड़ टन से घटकर 2023-24 के सीजन में 51.80 करोड़ टन रह जाने की संभावना व्यक्त की है मगर यह खपत कुल वैश्विक उत्पादन से 70 लाख टन ज्यादा होगी इसलिए चावल के वैश्विक बकाया स्टॉक में कमी आ जाएगी।
चावल के प्रमुख निर्यातक देशों में भारत, थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान, म्यांमार, अमरीका एवं कम्बोडिया आदि शामिल हैं इसके शीर्ष उत्पादक देश- चीन, भारत, बांग्ला देश, इंडोनेशिया एवं थाईलैंड हैं।
भारत दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक एवं दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। आईजीसी ने 2023-24 के सीजन में चीन तथा कुछ निर्यातक देशों में चावल का अधिशेष स्टॉक घटने की संभावना व्यक्त की है।
इसके अलावा भारत से चावल का निर्यात घटने का अनुमान लगाया है जबकि अन्य निर्यातक देशों से शिपमेंट बढ़ने की उम्मीद की गई है। मालूम हो कि भारत से गैर बासमती सफेद चावल तथा 100 प्रतिशत टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।