iGrain India - नई दिल्ली । लम्बे समय तक गत वर्ष से पीछे रहने के बाद गेहूं का रकबा अब पिछले साल से आगे हो गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि चालू रबी सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का कुल उत्पादन क्षेत्र 12 जनवरी 2024 तक बढ़कर 336.95 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 335.67 लाख हेक्टेयर से 1.28 लाख हेक्टेयर अधिक है। अधिकांश राज्यों में गेहूं की बोआई समाप्त हो चुकी है इसलिए क्षेत्रफल में ज्यादा बदलाव होना मुश्किल है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं का उत्पादन क्षेत्र उत्तर प्रदेश में 97.12 लाख हेक्टेयर से उछलकर 101.41 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 86.30 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 86.66 लाख हेक्टेयर, बिहार में 23.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 24.72 लाख हेक्टेयर तथा हरियाणा में 23.67 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 23.77 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
दूसरी ओर गेहूं का बिजाई क्षेत्र राजस्थान में 29.67 लाख हेक्टेयर से घटकर 28.61 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 12.90 लाख हेक्टेयर से गिरकर 12.20 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 10.35 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 8.56 लाख हेक्टेयर रह गया।
पंजाब में भी गेहूं का रकबा गत वर्ष के 35.11 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 35.07 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी सीमित क्षेत्रफल में गेहूं की खेती होती है जिसमें जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल आदि शामिल है। इन राज्यों में गेहूं का उत्पादन क्षेत्र या तो पिछले साल के बराबर रहा या उसमें मामूली अंतर देखा गया।
बिजाई की प्रक्रिया लगभग समाप्त होने के बाद अब सबका ध्यान मौसम पर केन्द्रित हो गया है जो फिलहाल कमोबेश सामान्य है। फरवरी-मार्च का मौसम गेहूं की फसल के लिए निर्यातक साबित होता है जिस पर नजर रखना आवश्यक होगा।