iGrain India - नई दिल्ली । गत सप्ताह लालमिर्च की कीमतों मिला-जुला व्यापार हुआ। सप्ताह के मध्य में कीमते घटने के पश्चात सप्ताह के अंत में कीमतों में सुधार दर्ज किया गया। सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान उत्पादक केन्द्रों पर अधिक उत्पादन के कारण विगत दो माह से लालमिर्च की लिवाली कम है। क्योंकि नए मालों में नमी की मात्रा अधिक आ रही है। नए सूखे मालों की आवक फरवरी माह में बनने के समाचार है। तत्पश्चात निर्यातकों की लिवाली बढ़ेगी। चालू सप्ताह के अंत में आई तेजी अस्थाई है। आगामी दिनों में आवक का दबाव बनने के पश्चात कीमतों में फिर गिरावट आएगी। क्योंकि दूसरे वर्ष भी देश में लालमिर्च का उत्पादन अधिक होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
उत्पादन
चालू सीजन के दौरान भी देश में लालमिर्च का उत्पादन अधिक होने के समाचार हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 के दौरान आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन सवा करोड़ बोरी का रहा था जोकि 2023 में बढ़कर 1.60/1.70 करोड़ बोरी का हो गया। वर्ष 2024 में बढ़कर 2 करोड़ बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के अलावा तेलंगाना में भी लालमिर्च का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक माना जा रहा है। गत वर्ष तेलंगाना में लालमिर्च का उत्पादन 65/70 लाख बोरी का रहा था जोकि इस वर्ष बढ़कर 75/80 लाख बोरी होने के अनुमान है। मध्य प्रदेश में उत्पादन गत वर्ष के बराबर रहा है। कर्नाटक में लालमिर्च का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में 20/25 अधिक होने की संभावना है।
आवक
सीजन का अंत होने के कारण मध्य प्रदेश की मंडियों में लालमिर्च की आवक घटकर 4000/5000 बोरी की रही है। जबकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना की मंडियों में नए मालों की आवक धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो गई है। चालू सप्ताह के दौरान आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में आवक बढ़कर लगभग 1 लाख बोरी की हो गई जबकि खम्मम में आवक 20/22 हजार बोरी एवं वारंगल 12/15 हजार बोरी की रही। सूत्रों का मानना है कि पोंगल पर्व के पश्चात मंडियों में आवक जोरों पर होगी।
भाव
प्रमुख मंडी गुंटूर में सप्ताह के शुरू में तेजा क्वालिटी का भाव 205 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के मध्य में 200 रुपए बन गया था जोकि सप्ताह के अंत में बढ़कर 210 रुपए हो गया। उल्लेखनीय है कि दिसम्बर माह के शुरू में गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 232 रुपए चल रहा था। खम्मम मंडी में भी सप्ताह के अंत में तेजा का भाव 213 रुपए बोला गया। जोकि सप्ताह के मध्य में 201 रुपए बन गया था खम्मम मंडी में दिसम्बर माह के दौरान तेजा का भाव 245 रुपए बोला जा रहा था। वारंगल मंडी में वर्तमान में तेजा क्वालिटी का भाव 205 रुपए चल रहा है। जबकि दिसम्बर के शुरू में भाव 235 रुपए चल रहा था।
बाजार सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में नए सूखे मालों की आवक बढ़ने के पश्चात उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर तेजा क्वालिटी का भाव 200 रुपए से नीचे आ जाना चाहिए।
स्टॉक
उत्पादक केन्द्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में गुंटूर मंडी में लालमिर्च का स्टॉक 22/25 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे है जबकि तेलंगाना में स्टॉक 12/15 लाख बोरी माना जा रहा है।
निर्यात बढ़ा
चीन एवं बांग्लादेश की अच्छी मांग बनी रहने के कारण वर्ष 2023-24 के प्रथम 7 माह में लालमिर्च का निर्यात बढ़ा है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 302186.87 टन का किया गया है जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2022 में निर्यात 260021.52 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान लालमिर्च का कुल निर्यात 516184.91 टन का किया गया। जबकि वर्ष 2021-22 में निर्यात 557143.98 टन का हुआ था। अभी तक के निर्यात प्रदर्शन को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2023-24 में लालमिर्च का निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा।