iGrain India - महाराष्ट्र में सहकारी चीनी मिलों के लिए आयकर में छूट का एसओपी निर्धारण
कोल्हापुर । महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में गन्ना की खरीद हेतु किसानों को चुकाए जाने वाले अतिरिक्त मूल्य पर वसूले जाने वाले आयकर (इनकम टैक्स) से छूट का लाभ हासिल करने के लिए सहकारी चीनी मिलों के वास्ते स्टैंडर्ड औपरेटिंग प्रोसीजर (मानक संचालनिया प्रक्रिया या एसओपी) का निर्धारण किया है। दरअसल आयकर विभाग चीनी मिलों द्वारा भुगतेय अतिरिक्त मूल्य को मिलर्स का लाभ मानता रहा है। पहले चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को वैधानिक समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान किया जाना था जिसका नाम बाद में बदलकर उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) रखा गया। यह मूल्य गन्ना किसानों को देना सभी चीनी मिलों के लिए अनिवार्य होता है। इससे ऊपर यदि मिलर्स किसानों को गन्ना के किसी अतिरिक्त मूल्य का भुगतान करते हैं तो उस पर आयकर लगाया जा सकता है।
आयकर विभाग ने मिलर्स को इनकम टैक्स बकाया का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा था। सरकार के मुताबिक इस बकाए की कुल राशि लगभग 10,000 करोड़ रुपए है। केन्द्रीय आम बजट में इस बकाए से छूट के लिए आयातक नियमों में संशोधन किया गया था जिससे समूचे देश और खासकर महाराष्ट्र के चीनी मिलर्स को काफी हद तक राहत मिल गई। गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के अनुसार एफआरपी का भुगतान करना सभी चीनी मिलर्स के लिए अनिवार्य होता है लेकिन जब गन्ना का अभाव हो तब इस एफआरपी से ऊंचे दाम पर इसकी खरीद की जा सकती है लेकिन उससे प्राप्त लाभ पर मिलर्स को अगले साल आयकर का भुगतान करना पड़ता है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार जब से चीनी मिलर्स को आयकर विभाग की डिमांड नोटिस प्राप्त हुई है तब से गन्ना किसानों को किए गए भुगतान की राशि का लेखा परीक्षण करवाना है।