iGrain India - नई दिल्ली । हाल के सप्ताहों में रबी फसलों की बिजाई में अच्छी प्रगति होने से इसका कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के अत्यन्त निकट पहुंच गया है। गेहूं का बिजाई क्षेत्र पहले गत वर्ष से काफी पीछे चल रहा था मगर अब आगे निकल गया है। उत्तर प्रदेश बिहर एवं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में गेहूं का रकबा बढ़ा है।
केन्द्र सरकार ने चालू रबी सीजन के दौरन 1140 लाख टन गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और बिजाई क्षेत्र में हुई वृद्धि से यह लक्ष्य हासिल करने में सहायता मिल सकती है।
लेकिन असली समस्या फरवरी-मार्च के मौसम की ही। यदि मौसम की हालत अनुकूल रही तो इस वर्ष देस में गेहूं का उत्पादन नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच पर पहुंच सकता है लेकिन यदि कम वर्षा एवं ऊंचे तापमान का प्रकोप बरकरार रहा तो गेहूं का उत्पादन नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है लेकिन यदि कम वर्षा एवं ऊंचे तपमान का प्रकोप रहा तो गेहूं की फसल को नुकसान की आशंका रहेगी।
वर्तमान समय में मध्य प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान जैसे प्रांतों में कई इलाकों में पिछले तीन-चार दिनों से तापमान सामान्य उच्चतम से 1-2 डिग्री सेल्सियस उंच चल रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 335.67 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 336.96 लाख हैकेयेर पर पहुंच गया। उत्तर प्रदेश में इसका बिजाई क्षेत्र 97.12 लाख हेक्टेयर राज्यों में गेहूं के क्षेत्रफल में कमी आई है।
पंजाब तथा हरियाणा जैसे राज्यों में गेहूं के रकबे में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आया। कर्नल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसन्धान संस्थान के निदेशक का कहना है कि गेहूं फसल की हालत संतोषजनक है।
रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 673.49 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 678.15 लाख हेक्टेयर से महज 0.7 प्रतिशत कम है।
दरअसल समीक्षाधीन अवधि के दौरान दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 160.22 लाख हेक्टेयर से घटकर 152.39 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया जबकि धान का क्षेत्रफल भी 24.76 लाख हेक्टेयर से गिरकर 23.60 लाख हेक्टेयर रह गया।
दलहन फसलों में चना का बिजाई क्षेत्र 108.93 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 101.99 लाख हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन मसूर का रकबा 18.39 लाख हेक्टेयर से 6 प्रतिशत सुधरकर 19.45 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
मोटे अनाजों का उत्पादन क्षेत्र 49.50 लाख हेक्टेयर से 5 प्रतिशत सुधरकर 52.03 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। इसके तहत खासकर मक्का का रकबा 20.51 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.61 लाख हेक्टेयर और जौ का क्षेत्रफल 7.42 लाख हेक्टेयर से 10 प्रतिशत उछलकर 8.18 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
तिलहन फसलों में सरसों का उत्पादन क्षेत्र 97.44 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत बढ़कर 99.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर मूंगफली का रकबा 4.96 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.02 लाख हेक्टेयर रह गया। तिलहन फसलों का कुल क्षेत्रफल 108.52 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।