iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि महंगाई को नियंत्रित करने हेतु भारत ब्रांड आटा की बिक्री रियायती मूल्य पर जारी रखी जाएगी और उसके लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा तीन सरकारी एजेंसियों को जनवरी में 3 लाख टन गेहूं का स्टॉक आवंटित किया जाएगा ताकि वे इसकी मिलिंग करवाकर आटा की बिक्री जारी रख सके।
मालूम हो कि भारत आटा का दाम 27.50 रुपए प्रति किलो नियत किया गया है। खुदरा स्तर पर सरकारी हस्तक्षेप के बावजूद गेहूं के आटे का भाव खुले बाजार में मजबूत बना हुआ है।
उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि अखिल भारतीय स्तर पर आटा का औसत खुदरा मूल्य उछलकर 36.50 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी के कारण दिसम्बर 2023 में खुदरा महंगाई की दर भी बढ़कर 5.69 प्रतिशत हो गई जो गत 4 महीनों में सबसे ऊंची रही।
खाद्य सचिव का कहना है कि सरकार का इरादा ऐसे क्षेत्रों में कीमतों को नीचे लाने का है जहां यह औसत स्तर से ऊपर चल रही है। सरकार मार्च 2024 तक रियायती मूल्य पर आटा की बिक्री जारी रखेगी ताकि खाद्य महंगाई में तेजी पर अंकुश लगाया जा सके। लेकिन यह प्लान कीमतों एवं जरूरत पर निर्भर करेगा।
दिसम्बर 2023 में तीन एजेंसियों- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) तथा केन्द्रीय भंडार द्वारा आटा बिक्री के लिए भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से लगभग एक लाख टन गेहूं का उठाव किया गया जबकि जनवरी 2024 में लगभग 3.00 लाख टन गेहूं का उठाव होने की उम्मीद है।
भारत ब्रांड आटा की मांग एवं लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इस तरह दिसम्बर और जनवरी को मिलाकर करीब 4 लाख टन गेहूं का उठाव होगा। कीमतों का स्तर अब भी ऊंचा है इसलिए सरकार जनवरी के बाद भी भारत आटा की बिक्री फरवरी-मार्च तक जारी रखेगी। यह देखना होगा कि इसकी मांग कैसी रहती है और बाजार भाव में कितना उतार-चढ़ाव आता है। अप्रैल में नए गेहूं की जोरदार आवक होगी।