iGrain India - मुम्बई । उद्योग- व्यापार समीक्षकों का कहना है कि गन्ना की कमजोर पैदावार के कारण सरकार को एथनॉल निर्माण में गन्ना जूस, शुगर सीरप एवं बी- हैवी शीरा के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए विवश होना पड़ रह है जबकि पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथनॉल का उत्पादन बढ़ाना आवश्यकता है।
इसके लिए अनाज आधारित इकाइयों में उत्पादन बढ़ाया जा सकता है बशर्ते इसे पर्याप्त मात्रा में कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
मक्का इसके लिए बेहतरीन विकल्प है लेकिन यदि एथनॉल निर्माण में स्वदेशी मक्के का बेतहाशा इस्तेमाल किया गया तो पशु आहार, पॉल्ट्री फीड तथा स्टार्च निर्माण उद्योग के लिए कच्चे माल (मक्के) की उपलब्धता काफी घट जाएगी और इसकी कीमतों में भी जोरदार तेजी आ जाएगी।
इससे न केवल मक्का का निर्यात प्रदर्शन निराशा जनक हो जाएगा बल्कि सामान्य खाद्य उद्देश्य के लिए भी इसकी भारी किल्लत महसूस होने लगेगी।
उद्योग विश्लेषकों के मुताबिक यदि घरेलू प्रभाग में मक्का की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति को सामान्य एवं सुगम बनाए रखकर इसकी कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी को नियंत्रित करना है तो एथनॉल निर्माण के लिए विदेशों से इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने पर सरकार को गम्भीरतापूर्वक विचार करना चाहिए
क्योंकि जब तक देश में गन्ना अथवा मक्का का शानदार (अधिशेष) उत्पादन नहीं होता तब तक विदेशों से मक्का का आयात एक मात्रा विकल्प होगा। सरकार ने एथनॉल निर्माण में घरेलू मक्का का उपयोग बढ़ाने का प्लान बनाया है जिससे इस पर आश्रित अन्य उद्योगों को भारी कठिनाई हो सकती है।
समीक्षकों के अनुसार घरेलू प्रभाग में बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए मक्का की आपूर्ति में करीब 30 प्रतिशत का इजाफा करना आवश्यक होगा।
चूंकि फिलहाल इसकी उम्मीद नहीं है इसलिए विदेशों से आयात ही एक मात्रा विकल्प बच रहा है। एक अग्रणी प्रतिष्ठान के अनुसार एथनॉल उत्पादन हेतु कच्चे चावल की जरूरत को पूरा करने के लिए मक्का के उत्पादन में 25-30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता है।
सरकार ने चालू मार्केटिंग सीजन के लिए पेट्रोल में 15 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य नियत किया है। एथनॉल निर्माण के लिए इस बार केवल 17 लाख टन चीनी के डायवर्जन की अनुमति दी गई है। इस बीच पेट्रोलियम कम्पनियों ने अनाज से मिश्रित एथनॉल की खरीद का मूल्य 5.79 रूपए बढ़ाकर 71.86 रुपए प्रति लीटर निर्धारित का दिया है।
आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान के अनुसार वर्ष 2022-23 में एथनॉल निर्माण के लिए महज 4-5 प्रतिशत मक्क का उपयोग हुआ था जबकि 2023-24 के वर्तमान सीजन में लगभग 20 प्रतिशत मक्का का इस्तेमाल हो रहा है।
इसका दाम भी पिछले साल से 200 रुपए बढ़कर अब 2450-2500 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जबकि आगे इसमें और तेजी आ सकती है।