iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने अपनी अधीनस्थ एजेंसियों के माध्यम से बेचे जाने वाले भारत ब्रांड के रियायती मूल्य वाले गेहू आटे की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने हेतु प्रयास आरंभ कर दिय है ताकि अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके।
उल्लेखनीय है कि खुल बजार में गेहूं आटा का औसत खुदरा मूल्य 35-36 रुपए प्रति किलो चल रहा है जबकि भारत ब्रांड आटा का दाम 27.50 रुपए प्रति किलो निर्धारित है। इसके फलस्वरूप सरकारी आटे की खरीद के प्रति आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा तीन सरकारी एजेंसियों- नैफेड, एनसीसीएफ तथा केन्द्रीय भंडार को जनवरी माह में 3 लाख टन गेहूं का स्टॉक आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।
ये एजेंसियां इस गेहूं की मिलिंग करवाएंगी और इससे प्राप्त आटा को नियत मूल्य पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाएंगी। घरेलू प्रभाग में गेहूं एवं इसके उत्पादों का भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है फिर भी आम उपभोक्ताओं की दृष्टि में यह काफी ऊंचा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर 2023 में लगभग एक लाख टन गेहूं से निर्मित आटे की बिक्री हुई थी जबकि चालू माह (जनवरी-2024) में आटा की बिक्री के लिए इन एजेंसियों के गेहूं का अतिरिक्त कोटा उपलब्ध करवाया जा रहा है।
सरकारी एजेंसियों द्वारा उपभोक्ताओं को अब तक एक लाख 16 हजार 617 टन आटा बेचा जा चुका है। सरकार ने मार्च 2024 तक रियायती मूल्य पर भारत आटा की बिक्री जारी रखने का प्लान बनाया है जबकि 1 अप्रैल से नए गेहूं की आवक एवं खरीद का सीजन औपचारिक तौर पर शुरू हो जाएगा। जिन क्षेत्रों में आटा का भाव औसत स्तर से ऊंचा है वहां सरकारी आटे की उपलब्धता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रह है।