iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने पिछले सप्ताह कहा था कि फिलहाल गेहूं तथा चीनी के आयात का कोई दूसरा नहीं है और चालू रबी सीजन के दौरान देश में गेहूं का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद है जिससे इसके स्टॉक में भारी वृद्धि हो सकती है।
उनका कहना था कि विभिन्न राज्यों से जो सूचना मिल रही है इससे संकेत मिलता है कि 2023-24 सीजन के दौरान गेहूं का घरेलू उत्पादन 1140 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। मई 2022 से ही भारत से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
इस बीच सरकार द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकार द्वारा 60 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा जा चुका है।
इसके बावजूद 1 अप्रैल 2024 को सरकारी गोदामों में 74.60 लाख टन के न्यूनतम आवश्यक स्तर से अधिक गेहूं का स्टॉक उपलब्ध रहेगा जबकि उसी समय से नए गेहूं की सरकारी खरीद की आरंभ हो जायेगी।
वाणिज्य मंत्री के मुताबिक देश से गेहूं, चावल एवं चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध फिलहाल जारी रहेगा और सरकार घरेलू प्रभाग में इसकी पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देती रहेगी।
उनका कहना था कि तत्काल मक्का के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने इस सम्बन्ध में पॉल्ट्री उद्योग द्वारा की जा रही मांग को नामंजूर कर दिया है। वाणिज्य मंत्री का कहना था कि बाजार भाव ऊंचा होने पर इस वर्ष किसानों को मक्का का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि एथनॉल निर्माण में मक्का का उपयोग तेजी से बढ़ने पर घरेलू प्रभाग में अन्य उपयोगकर्ता उद्योगों की कठिनाई बढ़ जाएगी क्योंकि एक तो उसके किए इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज की आपूर्ति एवं उपलब्धता घटेगी और दूसरे, इसकी कीमतों में भारी इजाफा हो जाएगा। इससे उत्पादों की कीमत भी स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगी।