iGrain India - अहमदाबाद । देश के सबसे प्रमुख रूई उत्पादक राज्य- गुजरात में कपास की अच्छी आवक होने से टेक्सटाइल उद्योग को कच्चे माल की अच्छी आपूर्ति होने की उम्मीद है।
गुजकॉट एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार गुजरात की प्रमुख मंडियों में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान 1 अक्टूबर 2023 से 15 जनवरी 2024 के बीच करीब 38 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) कपास की आपूर्ति हुई।
एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सीजन की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान रूई का भाव काफी नीचे रहने के बावजूद गुजरात की मंडियों में रजना औसतन 45 हजार गांठ कपास की आवक हो रही है जिससे व्यापारी एवं मिलर्स काफी खुश हैं।
उधर राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख मंडियों में 1 अक्टूबर 2023 से 15 जनवरी 2024 के साढ़े तीन महीनों के दौरान कपास की कुल आवक करीब 1.35 करोड़ गांठ पर पहुंच गई।
गुजकॉट एसोसिएशन के अनुसार 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन की सम्पूर्ण अवधि (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान गुजरात में मिलिंग-प्रेसिंग के लिए लगभग 85 लाख गांठ कपास का स्टॉक उपलब्ध हो सकता है। अकेले गुजरात की मंडियों में प्रतिदिन औसतन 45 हजार गांठ कपास पहुंच रही है जबकि महाराष्ट्र तथा तेलंगाना सहित अन्य प्रमुख उत्पादक प्रांतों में भी इसकी अच्छी आवक हो रही है।
पिछले साल ऊंचे दाम के बावजूद उत्पादकों ने भारी मात्रा में और जल्दी-जल्दी अपनी कपास बेचने का प्रयास नहीं किया क्योंकि उन्हें अंतिम समय तक इसकी कीमतों में और तेजी आने की उम्मीद थी लेकिन इसके विपरीत चालू सीजन के दौरान कीमतों में गिरावट आते देख किसान अपने उत्पाद को बेचने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं क्योंकि इन्हें आगामी समय में इसका दाम कुछ और नरम पड़ने की आशंका है।
गुजकॉट एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार गुजरात की मंडियों में अच्छी क्वालिटी की कपास का भाव करीब 1450 रुपए प्रति 20 किलो एवं हल्की क्वालिटी के उत्पाद का दाम 1250 रुपए प्रति 20 किलो चल रहा है जबकि प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) रूई का मूल्य 55,000 रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) के आसपास चल रहा है।
पिछले करीब एक महीने से रूई का भाव इसी स्तर के आसपास स्थिर बना हुआ है। मई 2022 में रूई का भाव तेजी से उछलकर 1.10 लाख रुपए प्रति कैंडी के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था जिसके मुकाबले अब इसका दाम घटकर आधा रह गया है। आगे इसमें जोरदार तेजी आने की संभावना कम है।