iGrain India - कोयम्बटूर । बिजाई क्षेत्र में कमी आने तथा भारी वर्षा के कारण अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने के कारण तमिलनाडु में मूंगफली का भाव ऊंचा एवं तेज रहने की संभावना है।
कोयम्बटूर स्थित तमिलनाडु विश्वविद्यालय के ग्रामीण विकास एवं कृषि अध्ययन केन्द्र की एक रिपोर्ट के अनुसार मूंगफली की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल है जबकि मांग मजबूत बनी हुई है।
इस केन्द्र द्वारा तमिलनाडु के टिंडीवनम रेग्युलेटेड मार्केट में पिछले 16 वर्षों के मूल्य की प्रवृत्ति का अनुमन लगाया गया। रिपोर्ट के अनुसार आगामी नई फसल की कटाई-तैयारी के समय अच्छी क्वालिटी की मूंगफली का भाव 80-85 रुपए प्रति किलो के करीब रह सकता है।
लेकिन बाजार में चावल तथा मानसून की स्थिति के आधार पर इसमें कुछ परिवर्तन भी हो सकता है। किसानों को इसके अनुरूप ही मूंगफली का निर्णय लेने का सुझाव दिया गया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार तमिलनाडु में वर्तमान समय में तेलंगाना, कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश से मूंगफली मंगाई जा रही है। प्रमुख उत्पादक प्रांतों में चालू वर्ष के दौरान खराब मौसम के कारण मूंगफली के बिजाई क्षेत्र में कमी आ गई और इसकी आवक भी कम हो रही है। खरीफ कालीन फसल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना भी मिली थी।
मूंगफली भारत की एक प्रमुख तिलहन फसल है। इसकी खेती खरीफ और रबी- दोनों सीजन में होती है। भारत में मूंगफली का क्षेत्रफल अन्य देशों से ज्यादा रहता है जबकि चीन के बाद मूंगफली का सर्वाधिक उत्पादन भारत में ही होता है भारत से बड़े पैमाने पर दुनिया के कई देशों को मूंगफली का निर्णय भी लिया जाता है। चीन और भारत के बाद मूंगफली का उत्पादन नाइजीरिया, अमरीका, सूडान एवं सेनेगल जैसे देशों में होता है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 2022-23 के खरीफ सीजन में 45.53 लाख हेक्टेयर रहा था जो 2023-24 के खरीफ सीजन में घटकर 43.91 लाख हेक्टेयर रह गया।
इसी तरह रबी कालीन मूंगफली का क्षेत्रफल 3.74 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.83 लाख हेक्टेयर रह गया। तमिलनाडु मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शामिल है। वहां बिल्लुपुरम, तिरुअन्नामलाई, वेल्लोर, नामक्कल, कृष्णागिरी, सलेम तथा धर्मापुरी जैसे जिलों में इसकी ज्यादा खेती होती है।