iGrain India - नई दिल्ली । बारिश का अभाव होने से देश के 150 प्रमुख बांधों- जलाशयों में पानी का स्तर लगातार 16 वें सप्ताह घट गया। पहले दक्षिण भारत में जल स्तर नीचे चल रहा था मगर अब उत्तरी राज्यों में भी इसमें कमी आने से चिंता बढ़ गई है।
केरल और तमिलनाडु दो ऐसे राज्य हैं जहां पिछले सप्ताह बारिश हुई जबकि देश के अन्य अधिकांश इलाके शुष्क रहे। मौसम विभाग के अनुसार देश के जिन 711 जिलों में आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं उसमें चालू माह के दौरान सामान्य औसत की तुलना में कहीं कम और कहीं बहुत बारिश हुई जबकि कई जिलों में वर्षा बिल्कुल नहीं हुई।
इससे बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर लगातार घटता जा रहा है। दरअसल पिछले साल मानसून सीजन के दौरान और उसके बाद भी कम वर्षा हुई जिससे स्थिति बिगड़ती जा रही है।
जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने तथा उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्र के कई राज्यों में बारिश होने की संभावना थी मगर वह भी क्षीण पड़ गई। अमरीकी मौसम केन्द्र के अनुसार दिसम्बर 2023 के दौरान भारत का कम से कम एक चौथाई भाग सूखे की चपेट में रहा।
केन्द्रीय जल आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन में कहा गया है कि चालू सप्ताह के दौरान देश के 150 प्रमुख बांधों-जलाशयों में केवल 95.326 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का स्टॉक मौजूद था जो इसकी कुल भंडार क्षमता 178.784 बीसीएम या 53 प्रतिशत है। एक साल पूर्व उसमें 82 प्रतिशत पानी का भंडार उपलब्ध था।
दिलचस्प तथ्य यह है कि पूर्वी क्षेत्र के तीन जलाशयों में पानी का भंडार उसकी कुल क्षमता के लगभग बराबर है लेकिन 58 जलाशयों में यह क्षमता से करीब 50 प्रतिशत नीचे है।
हिमालय के परिक्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ के नहीं आने से बर्फबारी का अभाव रहा इसलिए अनेक नदियों में पानी का प्रवाह कम हो गया।
रबी फसलों की बिजाई तो लगभग पूरी हो गई मगर जायद (ग्रीष्मकालीन) सीजन की फसलों और खासकर दलहन, मूंगफली तथा धान आदि की खेती में कठिनाई हो सकती है क्योंकि एक तो आसमानी वर्षा का अभाव है तथा जलाशयों में पानी का स्टॉक बहुत कम घट गया है और दूसरे, आगामी दिनों में तापमान बढ़ने की संभावना है।