iGrain India - नई दिल्ली। घरेलू प्रभाग में 20 से 26 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी एवं है हाजिर बाजार भाव आमतौर पर स्थिर या नरम देखा गया क्योंकि इसकी मांग अपेक्षाकृत कमजोर रही जबकि मिलर्स ने बिक्री बढ़ाने का प्रयास किया।
मिल डिलीवरी भाव
चीनी का मिल डिलीवरी मूल्य पूर्वी एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले स्तर पर बरकरार रहा। मध्य प्रदेश में भी कोई बढ़लाव नहीं देखा गया जबकि पंजाब में 60 रुपए एवं बिहार में 15 रुपए नरम रहा। गुजरात में भी लगभग यही स्थिति रही। वहां एस ग्रेड तथा एम ग्रेड की चीनी के मिल डिलीवरी मूल्य में 25-25 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई जबकि एसएस ग्रेड एवं एल ग्रेड चीनी का दाम पिछले स्तर पर बरकरार रहा।
हाजिर भाव
चीनी का हाजिर बाजार मूल्य दिल्ली में 20 रुपए गिरकर 4000/4080 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। मध्य प्रदेश के इंदौर मार्केट में 30 रुपए की गिरावट रही जिससे एस ग्रेड का दाम 3850 रुपए तथा एम ग्रेड का दाम 3900 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। छत्तीसगढ़ के रायपुर मार्केट में एस ग्रेड तथा एसएस ग्रेड की चीनी का दाम 10-10 रुपए तथा एम ग्रेड की चीनी का भाव 20 रुपए घट गया।
मुम्बई
मुम्बई (वाशी) मार्केट में चीनी का हाजिर भाव एस एवं एम ग्रेड के लिए क्रमश: 3650/3750 रुपए प्रति क्विंटल तथा 3750/3850 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा। इसी तरह नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य में भी कोई बदलाव नहीं देखा गया लेकिन महाराष्ट्र में चीनी के टेंडर मूल्य में भारी गिरावट दर्ज की गई। वहां चीनी का टेंडर मूल्य एस ग्रेड का 50 रुपए, एसएस ग्रेड का 30 रुपए एवं एम ग्रेड का 90 रुपए प्रति क्विंटल नीचे लुढ़क गया। इसी तरह कर्नाटक में भी चीनी के टेंडर मूल्य में 10 से 40 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई। कोलकाता में एसएस ग्रेड की चीनी में 10 रुपए का सुधार दर्ज किया गया।
उत्पादन
गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का अभी पीक सीजन चल रहा है। 1 अक्टूबर 2023 से 15 जनवरी 2024 के बीच देश में करीब 150 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो 2022-23 सीजन की समान अवधि के उत्पादन से करीब 7 प्रतिशत कम रहा। सरकार द्वारा एथनॉल निर्माण में गन्ना के उपयोग की मात्रा सीमित किए जाने से चीनी उत्पादन के लिए गन्ना का अपेक्षाकृत कुछ अधिक स्टॉक बचेगा और इसलिए चीनी का उत्पादन अनुमान कुछ बढ़ा दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना के सैप में 20 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि किए जाने के बाद चीनी के दाम में कुछ सुधार आने की संभावना बन रही थी लेकिन अभी तक इसका कोई स्पष्ट संकेत सामने नहीं आया है।