iGrain India - मुम्बई । प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों से आपूर्ति बढ़ने तथा दाम घटने से घरेलू बाजार में भी सोयाबीन एवं सोयामील की कीमतों में नरमी का माहौल देखा जा रहा है। सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- मध्य प्रदेश की विभिन्न मंडियों में तो सोयाबीन का मॉडल भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे आ गया है।
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर सोयामील का भाव जिस रफ्तार से घट रहा है उसे देखते हुए लगता है कि जल्दी ही भारतीय सोयामील अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैर प्रतिस्पर्धी हो सकता है जिससे इसके शानदार निर्यात प्रदर्शन में बाधा उत्पन्न हो जाएगी। सोयाबीन एवं सोयामील के उत्पादकों को इससे नुकसान हो सकता है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के कार्यकारी निदेशक का कहना है कि वैश्विक बाजार में घटती कीमतों को देखते हुए ऐसा लगता है कि भारतीय सोयामील विदेशी खरीदारों के लिए अनाकर्षक हो जाएगा और आगामी समय में इसका निर्यात प्रभावित होगा। आपूर्ति बढ़ने से सोयामील के वैश्विक बाजार मूल्य में लगभग 100 डॉलर प्रति टन की भारी गिरावट आ चुकी है। आगे इसमें कुछ और नरमी बनने की संभावना है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती नौ महीनों में यानी अप्रैल-दिसम्बर 2023 के दौरान देश से सोया डीओसी का निर्यात उछलकर 12.10 लाख टन पर पहुंच गया जो अप्रैल-दिसम्बर 2022 के पुल शिपमेंट 4.46 लाख टन से काफी अधिक है।
हाल के महीनों में अर्जेन्टीना से सोयामील के निर्यात शिपमेंट में काफी गिरावट आई है क्योंकि वहां इसका स्टॉक सीमित है। इससे भारत को अपने उत्पाद का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल गया। लेकिन अब भारतीय सोयामील का निर्यात ऑफर मूल्य अर्जेन्टीना से करीब 30-35 डॉलर प्रति टन ऊपर पहुंच गया है।
चालू वर्ष के दौरान अर्जेन्टीना में सोयाबीन के उत्पादन में शानदार बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है जबकि ब्राजील में भी उत्पादन कुछ बढ़ने की संभावना है। इसके फलस्वरूप सोयामील के वैश्विक बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ने लगा है। शिकागो एक्सचेंज में पिछले दिन सोयामील का भाव 1.26 प्रतिशत घटकर 353.70 डॉलर प्रति टन पर आ गया।