iGrain India - नई दिल्ली । विगत कुछ वर्षों से सरकार एक वर्ष में एक बार मगज-तरबूज का आयात की अनुमति देती है। जोकि व्यापार एवं किसान हित के लिए सराहनीय फैसला है।
लेकिन कुछ लोग जो सट्टेबाजी प्रवृति के मगज तरबूज के आयात अनुमति से पहले ही विदेश में खरीद करके और आगे की अवधि के फारवर्ड व्यापार कर रहे हैं वे लोग किसानों के नाम से और कुछ व्यापारिक संगठन के नाम से आयात खोलने की मांग कर रहे हैं। जोकि न तो व्यापार हित के लिए अच्छा है और न ही किसान हित के लिए।
उल्लेखनीय है कि गत 8 जून को डीजीएफटी द्वारा 35 हजार टन मगज-तरबूज का आयात 31 अक्टूबर-2023 तक खोला गया था। अभी आयात कोटे की अवधि को मात्र 3 माह हुए हैं। साथ ही देसी फसल भी बाजार में आई है। अतः वर्तमान में उत्पादन केन्द्रों पर स्टॉक पर्याप्त है। जिस कारण अभी आयात की कोई आवश्यकता नहीं है।
7 स्टार मगज तरबूज के निर्माता विकास उद्योग जोधपुर के श्री विकास सोनी का कहना है कि देश में जुलाई माह में फसल की बिजाई होती है। बिजाई की अवधि तक आयात नहीं खोले जाने से किसान हित में सरकार का सराहनीय कदम होगा।
क्योंकि उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के कारण किसान अधिक क्षेत्रफल पर मगज-तरबूज की खेती करेगा जोकि देश हित में होगा। अधिक पैदावार के कारण हमारी आयात पर आत्मनिर्भरता कम होगी। विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।