iGrain India - मापुतो । अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक में दो व्यापारिक कंपनियों के बीच अदालती विवाद चल रहा था। इस क्रम में एक अदालत के आदेश पर रॉयल ग्रुप ने प्रतिद्वंदी फर्म ईटीजी के गोदामों से तुवर एवं मूंगफली सहित कई अन्य कृषि उत्पादों का स्टॉक जब्त करके उसे मोजाम्बिक नकाला तथा बेड़रा बंदरगाहों पर निर्यात उद्देश्य के लिए कार्गो में भंडारित किया लेकिन बाद में ईटीजी ने एक अन्य अदालत में मामला दायर किया और अदालत ने पहले इस कार्गो के शिपमेंट पर रोक लगा दी और अपना फैसला भी उसके पक्ष में सुना दिया। इससे मोजाम्बिक से भारत में तुवर का आयात एक बार फिर अटक गया है जिससे घरेलू बाजार में इस महत्वपूर्ण दलहन का भाव बढ़ गया है।
वर्ष 2023 के मार्केटिंग सीजन में नवम्बर तक मोजाम्बिक से भारत को 21.50 करोड़ डॉलर मूल्य की तुवर का निर्यात हुआ और इस तरह यह इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश रहा।
मोजाम्बिक ने ईटीजी कम्पनी के एक कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया जिसका मतलब यह हुआ कि प्रतिद्वंदी कम्पनी रॉयल ग्रुप ने उसके करीब 6 करोड़ डॉलर मूल्य के जिस कृषि उत्पादन स्टॉक को जब्त किया था उसे अब छोड़ना पड़ेगा।
ईटीजी के एक बयान के अनुसार एटॉर्नी जनरल के कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि इसके कर्मचारी को दिसम्बर में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और उसके लिए 60 मिलियन डॉलर के जिस ब्रांड का दावा किया गया वह बकवास एवं तथ्यहीन था। यह विवाद भारत को निर्यात होने वाली तुवर की खेप से सम्बन्धित है जहां कीमतों में जबरदस्त उछाल आ गया है।
मोजाम्बिक में ईटीजी तथा रॉयल ग्रुप के बीच व्यापारिक विवाद वर्ष 2022 में उस समय आरंभ हुआ था जब भारतीय अधिकारियों ने रॉयल ग्रुप के एक कार्गो को इस संदेह के साथ जब्त किया था कि उस पर जीएम श्रेणी का उत्पाद मौजूद है जबकि भारत में उसके आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
रॉयल ग्रुप ने इसके लिए ईटीजी कम्पनी के एक कर्मचारी पर दोषारोपण किया मगर कम्पनी ने इससे इंकार कर दिया। अब इस कर्मचारी को दोषमुक्त कर दिया गया है जिससे रॉयल ग्रुप द्वारा जब्त स्टॉक का मालिकाना हक पुनः ईटीजी को प्राप्त हो जाएगा।