iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलिया से पिछले साल 30 जून तक कृषि, मत्स्य एवं वानिकी उत्पादों का सकल निर्यात बढ़कर 80.4 बिलियन डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो वर्ष 2022 के निर्यात से 17 प्रतिशत अधिक रहा।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार निर्यात शिपमेंट में हुई इस शानदार बढ़ोत्तरी का प्रमुख कारण 2022-23 के सीजन में बेहतर उत्पादन होना तथा वैश्विक मांग एवं कीमतों में तेजी आना रहा।
चीन ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों का सबसे प्रमुख खरीदार बना रहा जिसने 2022-23 के सीजन में ऑस्ट्रेलिया से 19 अरब डॉलर मूल्य के कृषि एवं सम्बद्ध उत्पादों का निर्यात किया गया जो उसके कुल शिपमेंट का 23 प्रतिशत रहा।
इसके अलावा समीक्षाधीन वर्ष के दौरान ऑस्ट्रेलिया से जापान को 6 अरब डॉलर तथा दक्षिण कोरिया को 5 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया गया।
जहां तक भारत का सवाल है तो यहां 2021-22 की तुलना में 2022-23 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से कृषि उत्पादों, मत्स्य उत्पादों एवं वनोपज के आयात में 106 प्रतिशत का भारी इजाफा दर्ज किया गया।
मालूम हो कि भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता दिसम्बर 2022 में प्रभावी हुआ और उसके बाद भारत में वहां से आयात तेजी से बढ़ने लगा। इस संधि के तहत भारत में अनेक ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों पर आयात शुल्क को कम या ख़त्म कर दिया गया।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से प्रति वर्ष 1.50 लाख टन मसूर के शुल्क मुक्त आयात का कोटा भी निर्धारित किया गया। भारत अब ऑस्ट्रेलियाई मसूर का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है।
2021-22 के मुकाबले 2022-23 के दौरान भारत में ऑस्ट्रेलिया से मसूर के आयात में 220 प्रतिशत तथा कपास के आयात में 199 प्रतिशत का जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया।
वर्ष 2023 में कपास के आयात कोटे का पूरा इस्तेमाल हुआ और 30 प्रतिशत का आयात शुल्क समाप्त होने के बाद भारत में ऑस्रेलिया से भेड़ के मांस का आयात पहली बार 10 अरब डॉलर को पार कर गया। 2022-23 में ऑस्ट्रेलिया से 10 प्रमुख कृषि उत्पादों के निर्यात में मसूर को भी स्थान मिल गया। इसी तरह गेहूं, कैनोला तथा जौ के निर्यात में भी अच्छी बढ़ोत्तरी हुई।