iGrain India - बंगलौर । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- कर्नाटक में वर्ष 2023-24 के दौरान वर्षा कम होने से फसलों का कुल रकबा घट गया और उसे विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से आंशिक नुकसान भी हुआ।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1 मार्च से 31 मई 2023 के मानसून पूर्व काल में 115 मि०मी० के सामान औसत की तुलना में 116 मि०मी० बारिश हुई लेकिन जून-सितम्बर के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा 852 मि०मी० के सामान्य औसत से 25 प्रतिशत घटकर 642 मि०मी० पर सिमट गई।
इसी तरह उत्तर-पूर्व मानसून सीजन में 1 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2023 के दौरान वहां सामान्य औसत 182 मि०मी० के सापेक्ष 38 प्रतिशत कम यानी 114 मि०मी० वर्षा हुई। इस तरह वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 31 दिसम्बर के दौरान कर्नाटक में कुल मिलाकर 872 मि०मी० वर्षा हुई जो सामान्य औसत 1153 मि०मी० से 24 प्रतिशत कम रही।
लेकिन जनवरी 2024 के शुरूआती 29 दिनों में वर्षा 342 प्रतिशत बढ़कर 8 मि०मी० पर पहुंच गई। कर्नाटक में खरीफ, रबी एवं ग्रीष्मकाल - नीनो सीजन में फसलों की खेती होती है।
2023 के खरीफ सीजन में वहां 74.32 लाख हेक्टेयर में फसलों की बिजाई हुई जो 82.35 लाख हेक्टेयर के नियत लक्ष्य की 90 प्रतिशत थी। इसी तरह रबी कालीन फसलों का बिजाई क्षेत्र भी 25.38 लाख हेक्टेयर के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 80 प्रतिशत यानी 21.67 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
इसके बाद ग्रीष्मकालीन फसलों की बिजाई आरंभ हो गई और इसका कुल क्षेत्रफल 29 जनवरी 2024 तक 90 हजार हेक्टेयर दर्ज किया गया जो 6.54 लाख हेक्टेयर के नियत लक्ष्य का 14 प्रतिशत रहा।
मार्च-मई 2023 के दौरान कर्नाटक में आंधी-तूफान एवं बाढ़-वर्षा से 10,134 हेक्टेयर जून में 101 हेक्टेयर तथा नवम्बर सर्वे के अनुसार कुल 7631 हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुईं। कर्नाटक के कुल 236 तालुका में से 223 में सूखे का प्रकोप देखा गया।
इसमें से 196 तालुका में स्थिति काफी खराब रही। सूखे की वजह से कर्नाटक में करीब 46.11 लाख हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुईं। इसमें 13.51 लाख हेक्टेयर में मक्का, 8.05 लाख हेक्टेयर में तुवर, 4.93 लाख हेक्टेयर में रागी, 4.14 लाख हेक्टेयर में कपास तथा 3.66 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल शामिल थीं। विजयपुरा, बीदर, बेलागवी, कलबुर्गी एवं विजयनगर जैसे जिलों में विभिन्न फसलों को सर्वाधिक नुकसान होने की आशंका है।