iGrain India - नई दिल्ली । आवश्यक खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा रियायती मूल्य पर भारत ब्रांड नाम के तहत अपनी एजेंसियों के माध्यम से चना दाल और गेहूं आटा के बाद अब चावल की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह से भारत चावल की बिक्री आरंभ हो सकती है और इसका दाम 29 रुपए प्रति किलो निर्धारित करने के निर्णय की औपचारिक घोषणा शीघ्र ही की जा सकती है।
सरकार की इस योजना का उद्देश्य चावल की ऐसी किस्मों के खुदरा मूल्य को नियंत्रित करना है जिसकी खपत बड़े पैमाने पर होती है। ध्यान देने की बात है कि 100 प्रतिशत टूटे (ब्रोकन) चावल तथा गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर प्रतिबंध तथा सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू होने खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने स्टॉक से नियमित रूप से चावल की बिकी किए जाने के बावजूद खुले बाजार में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव ऊंचा और तेज चल रहा है। इससे आम उपभोक्ता परेशान और सरकार चिंतित है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रिकॉर्ड उत्पादन, केन्द्रीय पूल में पर्याप्त स्टॉक तथा निर्यात नियंत्रण के बावजूद चावल का घरेलू बाजार भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है इसलिए अब सरकार ने रियायती दाम पर इसकी बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार फिलहाल भारत ब्रांड के तहत 60 रुपए प्रति किलो की दर से चना दाल और 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं आटा की बिक्री कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास लगभग 4.50 लाख टन गैर फोर्टिफाइड चावल का अधिक्षेष स्टॉक मौजूद है जिसे खुदरा बिक्री के लिए एजेंसियों को उपलब्ध करवाया जा सकता है।