iGrain India - दुबई । लाल सागर जलमार्ग पर यमन के हूती लुटेरों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर किए जा रहे हमलों को देखते हुए अनेक कंपनियों को अब संयुक्त अरब अमीरात एवं सऊदी अरब जैसे देशों से नए स्थलीय मार्ग का विकल्प अपनाने के बारे में सोचने के लिए विवश होना पड़ रहा है क्योंकि अभी जिस वैकल्पिक रास्ते का उपयोग किया जा रहा वह बहुत लम्बा और खर्चीला है।
इजरायल के एक सॉफ्टवेयर स्टार्टअप तथा दुनिया की एक अग्रणी शिपिंग कम्पनी ने कई अन्य कंपनियों के साथ मिलकर पहली बार एक वाणिज्यिक व्यापारिक मार्ग को खोलने का प्रयास किया है जो मध्य-पूर्व एशिया के बीच से तथा लाल सागर के किनारे से होकर गुजरता है।
एक कम्पनी संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन के बंदरगाहों से सऊदी अरब एवं जॉर्डन के रास्ते अपना उत्पाद इजरायल भेजती है और फिर वहां से उसे यूरोप में पहुंचाया जाता है। इन उत्पादों में खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक रसायन एवं इलेक्ट्रिकल सामान आदि शामिल हैं।
इसी तरह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कंटेनर वाहक कम्पनी अब दुबई के जेबेल अली तथा सऊदी अरब के दो पूर्वी बंदरगाहों को पश्चिमी तट पर अवस्थित जेद्दा बंदरगाह से जोड़ने का प्रयास कर रही है जबकि इस कम्पनी का दूसरा वैकल्पिक इरादा दुबई के जेबेल अली बंदरगाह को जोर्डन के साथ जोड़ने का है।
ये विकल्प दक्षिणी लाल सागर में बाब-अल पांडेव जल डमरूमध्य के आसपास हूती आतंकित क्षेत्र के जलमार्ग को नजरअंदाज की कोशिश करने वाले जहाजों को सुरक्षित शिपमेंट के लिए एक तात्कालिक समाधान प्रदान करेगा।
बाद में लाल सागर क्षेत्र में स्थिर सामान्य होने पर शिपमेंट बहाल करने पर विचार किया जाएगा। अमरीका और ब्रिटेन हवाई हमलों के जरिए यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को ध्वस्त कर रहे हैं जबकि लाल सागर क्षेत्र में इसका आतंक अब भी बरकरार है।
इजरायल, बहरीन एवं संयुक्त अरब अमीरात के बीच तीन वर्ष पूर्व एक संधि हुई थी जिससे इसके बीच तनाव में कमी आई और सम्बन्ध मजबूत हो गए।
इसके फलस्वरूप ये देश इजरायल तक माल पहुंचाने के लिए अपने बंदरगाहों का उपयोग करने की अनुमति आसानी से दे सकते हैं। भारत भी कालान्तर में इसका उपयोग कर सकता है।