iGrain India - पुणे । देश के एक अग्रणी उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन गत वर्ष से पीछे चल रहा है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान महाराष्ट्र में 5 फरवरी 2024 तक कुल 70.44 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो पिछले सीजन की समान अवधि के उत्पादन 78.67 लाख टन से 8.23 लाख टन कम है।
राज्य में समीक्षाधीन अवधि के दौरान गन्ना की क्रशिंग भी 805.15 लाख टन से 78.62 लाख टन घटकर 726.53 लाख टन पर सिमट गई। इतना ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में पिछले सीजन के दौरान गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर 9.7 प्रतिशत रही थी जो इस बार गिरकर 9.5 प्रतिशत रह गई।
5 फरवरी 2024 तक महाराष्ट्र में 207 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग जारी थी जो पिछले सीजन की क्रियाशील 208 इकाइयों से एक प्लांट कम है। ध्यान देने की बात है कि महाराष्ट्र में चालू सीजन के दौरान अब तक चार चीनी मिलें बंद हो चुकी है। इसमें सोलापुर जिले की एक, छत्रपति संभाजी नगर जिले की दो तथा नांदेड़ जिले की एक मिल शामिल हैं।
वर्ष 2023 में मानसून की अनियमित एवं अनिश्चित वर्षा के कारण महाराष्ट्र में गन्ना की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी जिससे वहां इसकी क्रशिंग का सीजन छोटा पड़ने तथा चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही थी मगर अब दो कारणों से वहां चीनी के उत्पादन में आने की संभावना है।
पहली बात तो यह है कि नवम्बर-दिसम्बर 2023 के दौरान महाराष्ट्र में बेमौसमी वर्षा होने से गन्ना की फसल को फायदा हुआ और इसकी औसत उपज दर तथा गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं।
दूसरी बात यह है कि केन्द्र सरकार ने एथनॉल निर्माण में गन्ना के उपयोग को काफी सीमित कर दिया है जिससे चीनी उत्पादन के लिए इसकी उपलब्धता बढ़ जाएगी।
इसके फलस्वरूप जिस महाराष्ट्र में पहले चीनी का उत्पादन 85 लाख टन तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा था वहां अब 95 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है।
इसी तरह राज्य में गन्ना की क्रशिंग अब अप्रैल तक जारी रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है जबकि पहले फरवरी में समाप्त होने की आशंका थी।