iGrain India - निजामाबाद । पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान हल्दी के घरेलू बाजार भाव में करीब 80 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोत्तरी हो चुकी है जबकि आगामी महीनों के दौरान इसमें कुछ और वृद्धि होने की उम्मीद है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार बिजाई क्षेत्र में आई कमी तथा प्राकृतिक आपदाओं एवं कीड़ों-रोगों के प्रकोप से फसल को हुई क्षति को देखते हुए हल्दी के उत्पादन में कम से कम 20 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।
समीक्षकों के अनुसार उत्पादन में गिरावट आने की आशंका से व्यापारियों / स्टॉकिस्टों एवं निर्यातकों द्वारा हल्दी की खरीद में भारी दिलचस्पी दिखाई जा रही है और आगे भी इसका स्टॉक बनाने का प्रयास जारी रह सकता है जिससे कीमतों को मजबूत समर्थन मिलेगा। कुछ उत्साही व्यापारियों का तो यहां तक कहना है कि पिछले साल को स्थिति जीरा बाजार की रही वही हालत इस बार हल्दी बाजार की हो सकती है।
वर्ष 2023 के दौरान हल्दी के वायदा मूल्य में 70 प्रतिशत से अधिक का जोरदार इजाफा दर्ज किया गया क्योंकि एक तो उत्पादन में गिरावट की संभावना बनी रही और दूसरे, इसका निर्यात प्रदर्शन शानदार रहा।
इरोड मंडी में इसकी आवक गत वर्ष के मुकाबले 65-70 प्रतिशत तथा निजामाबाद में 75-80 प्रतिशत होने की संभावना है। इरोड कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के परिसर में हल्दी का मॉडल मूल्य (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) फ़िलहाल फिंगर वैरायटी के लिए उछलकर 11,504 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है जो पिछले साल की समान अवधि में 6384 रुपए प्रति क्विंटल रहा था।
उधर तेलंगाना की निजामाबाद मंडी में पालिशदार हल्दी का भाव उछलकर 13,943 रुपए प्रति क्विंटल तथा कॉमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल अनुबंध के लिए वायदा मूल्य बढ़कर 15,540 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है।
इरोड टर्मरिक मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि अभी केवल वायदा में ही हल्दी का भाव 15,000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंचा है जबकि हाजिर बाजार में यह 12,500 रुपए से लेकर 14,000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
फसल इस बार कमजोर है। कॉमोडिटी बाजार में हल्दी का वायदा मूल्य अगस्त 2023 में 16,720 रुपए प्रति क्विंटल के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था।
महाराष्ट्र के सांगली क्षेत्र में हल्दी का भाव गत वर्ष की तुलना में इस बार दो गुना ऊंचा चल रहा है। राज्य में इस वर्ष हल्दी का उत्पादन 25-30 प्रतिशत घटने की संभावना है जिसे देखते हुए इसके दाम में आगे 2000 रुपए प्रति क्विंटल का और इजाफा हो सकता है।
2022-23 के मुकाबले 2023-24 के खरीफ सीजन के दौरान हल्दी के बिजाई क्षेत्र में महाराष्ट्र में 10-20 प्रतिशत, तमिलनाडु में 10-15 प्रतिशत एवं आंध्र प्रदेश-तेलंगाना में 18-22 प्रतिशत की गिरावट आने की सूचना है।
इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर हल्दी का उत्पादन गत वर्ष के 5.26 लाख टन से 15.40 प्रतिशत घटकर इस बार 4.45 लाख टन के करीब सिमट सकता है।