iGrain India - नई दिल्ली । खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के प्रयास में जी-जान से जुटी सरकार ने गेहूं की भंडारण सीमा में एक बार फिर कटौती कर दी है। इसके तहत थोक व्यापारियों एवं स्टॉकिस्टों के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा 1000 टन से घटाकर 500 टन तथा बिग चेन रिटेलर्स के लिए उसके सभी डिपो पर 1000 टन से घटाकर 500 टन निर्धारित किया गया है।
लेकिन खुदरा कारोबारियों के लिए प्रत्येक रिटेल आउट लेट पर गेहूं की स्टॉक सीमा 5 टन के पूर्व स्तर पर ही बरकरार रखी गई है। यही सीमा बिग चेन रिटेलर्स के प्रत्येक आउटलेट के लिए भी मान्य होगी।
जहां तक प्रोसेसर्स का सवाल है तो उसके लिए मासिक संचित क्षमता के 70 प्रतिशत तक गेहूं रखने की अनुमति दी गई थी जिसे अब घटाकर 60 प्रतिशत नियत किया गया है।
इसका मतलब यह हुआ कि थोक व्यापारी / स्टॉकिस्ट अपने गोदामों में तथा बिग चेन रिटेलर्स अपने डिपो में अब एक समय में 500 टन से अधिक गेहूं का स्टॉक नहीं रख सकते हैं। यह नियम देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में समान रूप से लागू होगा।
सरकार ने 12 जून 2023 को गेहूं पर 31 मार्च 2024 तक के लिए भंडारण सीमा लागू की थी जिसमें अब संशोधन किया गया है। बाकी नियमों-शर्तों में कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है।
सभी सम्बद्ध पक्षों को गेहूं भंडारण सीमा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं स्टॉक का अपडेट बताना पड़ेगा।
यदि कोई प्रतिष्ठान पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाया जाता है अथवा भंडारण सीमा का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 एवं 7 के तहत आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।