iGrain India - नई दिल्ली । सहकारी आंकड़ों से ज्ञात होता है कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती आठ महीनों में यानी अप्रैल-नवम्बर 2023 के दौरान देश में 118.45 करोड़ रुपए मूल्य की 30,271 टन सुपारी का आयात किया गया।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री के अनुसार भारत में स्थल मार्ग जल मार्ग एवं वायु मार्ग से सुपारी के गैर क़ानूनी आयात पर कुछ संस्थाएं गहरी नजर रखती हैं और इसके खिलाफ सख्त कदम भी उठाती हैं।
वाणिज्य राज्य मंत्री के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में 73,983 टन सुपारी का आयात हुआ था जिस पर 258.19 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई थी।
हवाई अड्डों के माध्यम से भारत में सुपारी के गैर कानूनी आयात के मामले में वाणिज्य राज्य मंत्री का कहना था कि कस्टम्स फील्ड फार्मेशन द्वारा 2022-23 के दौरान 12 मामलों में 56 लाख रुपए मूल्य की 14,188 टन तथा 2021-22 में 52 लाख रुपए मूल्य की 15,296 टन सुपारी का स्टॉक जब्त किया गया था।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीसीआईसी) के अधीनस्थ निकाय- राजस्व सतर्कता निदेशालय (डीआरआई) सुपारी के गैर कानूनी परिवहन (आवागमन) के संभावित संवेदनशील क्षेत्रों में गहन निगरानी करता है और कस्टम्स एक्ट 1962 के प्रावधानों के अनुरूप उपयुक्त कदम उठाता है।
देश में सुपारी के गैर कानूनी आयात पर गहरी नजर रखी जा रही है ताकि स्वदेशी उत्पादकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। विदेशों से आयातित सुपारी की खेपों को क्लीयरेंस देने से पूर्व उसकी गुणवत्ता की जांच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के फील्ड कार्यालयों द्वारा सख्ती से की जाती है।
इसके पूल उद्गम स्रोत पर भी नजर रखी जाती है ताकि सार्क संगठन के सदस्य देशों के रास्ते अन्य उत्पादन देशों की सुपारी भारतीय बाजार में न पहुंच सके। सार्क देशों से आयातित सुपारी को शुल्क में छूट मिलती है जबकि अन्य देशों से इसके आयात पर 100 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।