💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

राजस्थान में हाल की बारिश से रबी फसलों का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद

प्रकाशित 09/02/2024, 05:15 pm
राजस्थान में हाल की बारिश से रबी फसलों का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद

iGrain India - जयपुर । देश के पश्चिमी प्रान्त- राजस्थान में चालू माह (फरवरी) के प्रथम सप्ताह में हुई बारिश से रबी फसलों को फायदा हुआ और इसका उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद बढ़ गई।

व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि इस वर्षा से रबी फसलों के उत्पादन में 5 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान देश में सरसों तथा जौ का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है जबकि वहां गेहूं एवं चना का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। वह केन्द्रीय पूल में गेहूं का अच्छा योगदान देता है। 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अगर राजस्थान में अगले 10-15 दिन के अंदर एक और बारिश हो जाती है तो रबी फसलों के उत्पादन में और भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद बन जाएगी लेकिन उसके बाद यदि भारी वर्षा हुई तो फसलों को नुकसान हो सकता है।

जयपुर के एक कारोबारी का कहना है कि हाल की वर्षा गेहूं एवं जौ की फसल के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है और इसके उत्पादन में 10-15 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।

अगले महीने (मार्च) से राजस्थान में इन दोनों फसलों की कटाई-तैयारी आरंभ होने वाली है और ऐसी स्थिति में अगले 10 दिनों के अंदर एक या दो बारिश हो जाए तो फसलों की हालत काफी बेहतर हो जाएगी। लेकिन उसके बाद की वर्षा हानिकारक होगी। 

राजस्थान कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू रबी सीजन के दौरान राज्य में 27.80 लाख हेक्टेयर से कुछ अधिक क्षेत्र में गेहूं की बिजाई हुई और इसका कुल उत्पादन 1,04,15151 टन पर पहुंच सकता है।

समीक्षकों के अनुसार हाल की बारिश के कारण चना के उत्पादन में कम से कम 5 प्रतिशत का इजाफा होने के आसार हैं। वहां फरवरी के अंत से इस फसल की कटाई-तैयारी शुरू हो सकती है जबकि मार्च में इसकी रफ्तार काफी बढ़ जाएगी।

फरवरी में होने वाली वर्षा चना की फसल के लिए लाभदायक होगी। कृषि विभाग के अनुसार राजस्थान में इस बार चना का बिजाई क्षेत्र 19.70 लाख हेक्टेयर के करीब रहा जबकि इसका उत्पादन 23 लाख टन होने का अनुमान है। 

जहां तक सरसों की बात है तो इसके एक अग्रणी व्यापारी एवं मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी, जयपुर के प्रबंध निदेशक अनिल चतर ने कहा है कि फरवरी की वर्षा से फसल की उपज दर में सुधार होगा और सरसों से तेल की रिकवरी दर बढ़ जाएगी।

इसमें 1-2 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। राजस्थान में सरसों का क्षेत्रफल इस बार करीब 37.50  लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जबकि इसका उत्पादन बढ़कर 62.30 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान राज्य सरकार ने लगाया है।

राष्ट्रीय स्तर पर सरसों के कुल उत्पादन में अकेले राजस्थान का योगदान 45-49 प्रतिशत के बीच रहता है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित