iGrain India - ईरोड । चालू सीजन के दौरान विभिन्न कारणों से हल्दी के घरेलू उत्पादन में कम से कम 20 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है जिससे इसका भाव आगामी महीनों के दौरान ऊंचा एवं मजबूत रह सकता है।
तेलंगाना की निजामाबाद मंडी में हल्दी के नए माल की आवक पिछले सप्ताह शुरू हो गई और वहां औसतन 1200/1300 बोरी की आवक हो रही है। इस नई हल्दी में नमी का अंश 15 से 25 प्रतिशत के बीच बताया जा रहा है।
जो सामान्य स्तर से काफी ऊंचा है। तमिलनाडु की मंडियों में मध्य फरवरी के आसपास नई हल्दी की आपूर्ति आरंभ होने की संभावना है। नए माल की जोरदार आवक शुरू होने के बाद ही इसकी मांग एवं कीमत के बारे में पता चल सकेगा।
अगले महीने यानी मार्च में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। आमतौर पर अप्रैल तक हल्दी का भाव मजबूत रहेगा और उसके बाद इसमें उतार-चढ़ाव का माहौल बन सकता है। उस समय तक व्यापारिक मांग मजबूत रहती है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार वर्ष 2024 में हल्दी का भाव उछलकर 180/200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है। किसान अगली बिजाई के लिए भी हल्दी का स्टॉक सुरक्षित रखेंगे जिससे मार्केट में इसका अभाव और बढ़ जाएगा।
इसके अलावा हल्दी का निर्यात भी इसकी कीमतों को मजबूत बनाए रखेगा। इस बार बाजार भाव ऊंचा होने से हल्दी के बिजाई क्षेत्र में भारी बढ़ोत्तरी हो सकती है जिससे अगले साल इसका उत्पादन काफी बढ़ जाएगा।
मोटे अनुमान के अनुसार 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 प्रतिशत के दौरान हल्दी के बिजाई क्षेत्र में महाराष्ट्र में 10 से 20 प्रतिशत तमिलनाडु में 10 से 15 प्रतिशत तथा आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में 18 से 22 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई। इसके अलावा कुछ इलाकों में मौसम भी हल्दी की फसल के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं रहा।