iGrain India - नई दिल्ली। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा फरवरी माह के लिए 22 लाख टन चीनी की थोक बिक्री का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी किया गया है जिसे काफी बढ़ा माना जा रहा है। इसके दबाव से कीमतों में 3-9 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान काफी नरमी आ गई। चीनी का घरेलू उत्पादन अनुमान भी बढ़ा है क्योंकि एथनॉल निर्माण में सुक्रोज के कम उपयोग की अनुमति दी गई है। चीनी उत्पादन का अभी पीक सीजन जारी है जबकि घरेलू मांग एवं खपत सामान्य से कुछ कम है। चीनी की औद्योगिक खपत अभी बढ़ नहीं सकी है क्योंकि मौसम ठंडा रहा है। आगे खपत बढ़ने की उम्मीद है।
मिल डिलीवरी भाव
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी भाव बिहार में 120 रुपए प्रति क्विंटल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 95 रुपए, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 45 रुपए तथा पंजाब में 20 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। गुजरात में भी इसमें 15 से 30 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
हाजिर भाव
चीनी का हाजिर बाजार मूल्य दिल्ली दिल्ली में तो 4040/4100 रुपए प्रति क्विंटल के पिछले स्तर पर बरकरार रहा मगर इंदौर में 10 रुपए, रायपुर में भी 10 रुपए एवं मुम्बई (वाशी) मार्केट में 60 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ गया। वहां चीनी के नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य में भी 60 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई। चीनी का टेंडर मूल्य महाराष्ट्र में 10 से 20 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा। कर्नाटक में भी आमतौर पर टेंडर मूल्य में 10-20 रुपए की गिरावट रही जबकि एसएस ग्रेड का भाव 60 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में चीनी के हाजिर बाजार मूल्य में 70-75 रुपए प्रति क्विंटल की भारी गिरावट दर्ज की गई।
कोटा
चीनी के बाजार पर पिछले सप्ताह चौतरफा दबाव देखा गया। मिलों ने दाम घटाकर बिकवाली का प्रयास किया जबकि डीलर्स / स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर रही। फरवरी का महीना इस बार 29 दिनों का है जिसके लिए 22 लाख टन का फ्री सेल कोटा पर्याप्त माना जा रहा है इसलिए खरीदार फिलहाल इसकी लिवाली में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। मौसम में ठंडापन घटने तथा दिन का तापमान बढ़ने से आगामी समय में चीनी की खपत बढ़ने की उम्मीद है और अब इसके दाम में भी कुछ सुधार आ सकता है। पर्व-त्यौहार एवं मांगलिक उत्सवों का सीजन नहीं होने से भी पिछले सप्ताह चीनी की मांग एवं कीमत नरम रही। चीनी का उत्पादन जोर शोर से जारी है।