iGrain India - नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में जनवरी माह के दौरान हुई शानदार खरीद की बदौलत 2023-24 के वर्तमान खरीद मार्केटिंग सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर धान की सम्पूर्ण खरीद 624.40 लाख टन पर पहुंच चुकी है जो 2022-23 सीजन की समान अवधि की खरीद से करीब 5 प्रतिशत का है।
उल्लेखनीय है कि 31 दिसम्बर 2023 तक धान की खरीद गत वर्ष से 13 प्रतिशत पीछे चल रही थी। मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर अतिरिक्त बोनस की घोषणा किए जाने के बाद किसानों ने अपने धान की बिकवाली बढ़ा दी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ में जनवरी के दौरान धान की खरीद में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ और इसके साथ ही राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा इसकी कुल खरीद भी 26 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 110 लाख टन पर पहुंच गई।
उधर मध्य प्रदेश में भी 87.50 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने छत्तीसगढ़ में धान की खरीद का मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल रखने का वादा किया था जबकि केन्द्र सरकार ने इसका समर्थन मूल्य 2183 रुपए प्रति क्विंटल ही नियत किया था।
पंजाब-हरियाणा में धान की सरकारी खरीद पहले ही बंद हो चुकी है। इस बार पंजाब में 185.40 लाख टन तथा हरियाणा में 58.80 लाख टन धान खरीदा गया जो पिछले सीजन से ज्यादा है। कुछ अन्य राज्यों में धान की खरीद की प्रक्रिया अभी जारी है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान अब तक सरकारी एजेंसियों द्वारा उड़ीसा में 48.20 लाख टन, तेलंगाना में 47.30 लाख टन, बिहार में 23.40 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 18.40 लाख टन तथा पश्चिम बंगाल में 9.10 लाख टन धान खरीदा जा चुका है।
अगस्त 2023 में केन्द्र सरकार ने 521.27 लाख टन चाल (774 लाख टन धान) की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था जो 2022-23 के खरीफ मार्केटिंग सीजन की कुल वास्तविक खरीद 495 लाख टन से ज्यादा था।
ध्यान देने की बात है कि 2022-23 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (खरीफ + रबी) के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा प्रांतीय एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 569.40 लाख टन से कुछ अधिक चावल खरीदा गया था।