iGrain India - मंगलोर । केन्द्र सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष के आरंभिक नौ महीनों में यानी अप्रैल-दिसम्बर 2023 के दौरान 6761 टन सुपारी की ऐसी खेप को जब्त किया गया जिसे तस्करी के जरिए गैर कानूनी ढंग से देश से मंगाने का प्रयास किया गया था।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार इस गैर कानूनी आयात के लिए 416 मामले भी दर्ज किए गए। उधर केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-नवम्बर 2023 के आठ महीनों में देश के अंदर वैधानिक रूप से 11.845 करोड़ डॉलर मूल्य की 30,271 टन सुपारी का आयात किया गया।
केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने पिछले दिन लोकसभा में कहा था कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अधीनस्थ फील्ड फार्मेशन एवं राजस्व सतर्कता निदेशालय (डीआरआई) द्वारा देश में सुपारी के गैर क़ानूनी आयात पर गहरी नजर रखी जाती है।
यह एजेंसी गैर क़ानूनी आयात को रोकने के लिए निर्मित कानून के प्रावधानों के अनुरूप उपयुक्त कदम उठाती है। सुपारी के गैर-क़ानूनी आयात के लिए तस्कर नए-नए तरीके अपनाते हैं और इसलिए फील्ड स्टाफ को इसके बारे नियमित रूप से सूचना देकर प्रशिक्षित किया जाता है।
उसे हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। नेशनल कस्टम्स टार्गेटिंग सेंटर जोखिमपूर्ण आयात पर नजर रखने के लिए उपयुक्त ढंग से जांच -पड़ताल करण रहता है।
बोर्ड नियमित अंतराल पर सुपारी के आयात के लिए सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के सेक्शन 14 के अंतर्गत टैरिफ वैल्यू में संशोधन- परिवर्तन करता है। वर्तमान समय में सुपारी के लिए 8140 डॉलर प्रति टन की टैरिफ वैल्यू निर्धारित है जबकि इसके आयात पर 100 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू है।
100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी इकाइयों के लिए सुपारी का न्यूनतम आयात मूल्य 351 रुपए प्रति किलो नियत है और विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाइयों पर भी यह नियम लागू है। इन इकाइयों को घरेलू बाजार में आयातित सुपारी को बेचने की अनुमति नहीं है।