iGrain India - चंडीगढ़ । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद का सीजन औपचारिक तौर पर शुरू होता है मगर क्रय केन्द्रों पर बैसाखी पर्व के बाद ही इसकी आवक जोर पकड़ती है।
हरियाणा में भी सामान्यतः 1 अप्रैल से ही गेहूं की खरीद शुरू होती है। बैसाखी का त्यौहार 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
केन्द्र सरकार ने 28 फरवरी को सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के खाद्य सचिवों की एक बैठक बुलाई है जिसे 2024 के रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की खरीद के तौर-तरीक़ों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बल्क खरीदारों की 15 मार्च तक गेहूं की बिक्री जारी रखे जाने की उम्मीद है जबकि इस योजना में अब तक 80 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं की बिक्री हो चुकी है।
वर्तमान समय में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास करीब 126.70 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है जो वर्ष 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है। प्रचलित नियम के अनुसार 1 अप्रैल को खाद्य निगम के पास कम से कम 74 लाख टन गेहूं का स्टॉक अवश्य मौजूद रहना चाहिए।
मोटे अनुमान के अनुसार यदि ओएमएसएस के तहत 15 मार्च तक कुल मिलाकर 100 लाख टन गेहूं की बिक्री हो जाती है तो सरकार के पास 1 अप्रैल को 77-78 लाख टन का ही स्टॉक बचेगा जो न्यूनतम आवश्यक बफर स्टॉक 74 लाख टन से कुछ ही अधिक है।
ऐसी हालत में उसे 2024 के रबी मार्केटिंग सीजन में किसानों से विशाल मात्रा में गेहूं खरीदने की आवश्यकता पड़ेगी। सरकार ने गेहूं का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के 1105 लाख टन से बढ़कर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 1140 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। पंजाब तथा हरियाणा में इस बार गेहूं के बिजाई क्षेत्र में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है और फसल की हालत भी संतोषजनक बनी हुई है।