iGrain India - नई दिल्ली । जुलाई 2023 में सरकार द्वारा गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इसका शिपमेंट धीरे-धीरे बंद हो गया जबकि 100 प्रतिशत टूटे (टुकड़ी) चावल के निर्यात पर पहले से ही पाबंदी लगी हुई थी।
इसके फलस्वरूप कुल निर्यात में काफी गिरावट आ गई। इसके अलावा दलहन, ग्वार गम, गेहूं तथा अन्य अनाजों (खासकर मक्का) आदि का निर्यात प्रदर्शन भी कमजोर चल रहा है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल- दिसम्बर 2022 की तुलना में अप्रैल -दिसम्बर 2023 के नौ महीनों के दौरान देश से गैर बासमती चावल का कुल निर्यात 131.75 लाख टन से 48.33 लाख टन लुढ़ककर 83.42 लाख टन पर सिमट गया लेकिन बासमती चावल का निर्यात 31.98 लाख टन से 3.45 लाख टन बढ़कर 35.43 लाख टन पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश से दाल-दलहनों का निर्यात 5.00 लाख टन से 94 हजार टन घटकर 4.06 लाख टन, गेहूं का निर्यात 46.57 लाख टन से लुढ़ककर 1.19 लाख टन, मोटे अनाजों का निर्यात 26.07 लाख टन से घटकर 14.52 लाख टन तथा ग्वार गम का निर्यात 3.28 लाख टन से गिरकर 3.09 लाख टन पर सिमट गया।
दूसरी ओर इसी समयावधि में मूंगफली का निर्यात 4.63 लाख टन से सुधरकर 4.69 लाख टन तथा काजू कर्नेल का निर्यात 38 हजार टन से बढ़कर 47 हजार टन पर पहुंचा।
काजू नट शेल लिक्विड का निर्यात 12 हजार टन से फिसलकर 10 हजार टन तथा मिल्ड प्रोडक्ट्स का निर्यात 5.78 लाख टन से घटकर 1.80 लाख टन पर सिमट गया।
गौर से देखा जाए तो समीक्षाधीन अवधि के दौरान केवल बासमती चावल के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई। हालांकि कुछ समय के लिए इसका शिपमेंट भी प्रभावित हुआ था जब सरकार ने उसका न्यूनतम निर्यात मूल्य 1200 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया था
लेकिन बाद में इसे घटाकर 950 डॉलर प्रति टन निर्धारित किए जाने से निर्यात की स्थिति सामान्य हो गई। गेहूं के निर्यात पर मि 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। दलहनों का निर्यात प्रदर्शन भी कमजोर चल रहा है।