iGrain India - नई दिल्ली । ग्लोबल पल्स कॉन फेडरेशन (जीपीसी) का तीन दिवसीय कन्वेंशन- 'पल्स 24' 15 फरवरी से दिल्ली में आरंभ होने जा रहा है जिसमें देश- विदेश के अनेक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।
इसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी एवं दाल-दलहन उद्योग तथा व्यापार क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इसके अलावा दुनिया के करीब 40 देशों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होने वाले हैं।
इस कन्वेंशन में अनेक मुद्दों एवं विषयों पर गंभीर विचार-विमर्श होगा जिसमें दाल-दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने हेतु भारत द्वारा बनाई जाने वाली रणनीति भी सम्मिलित है।
इस कन्वेंशन का आयोजन जीपीसी द्वारा नैफेड के सहयोग से किया जा रहा है। इस सम्मेलन में दलहनों के निरंतर उत्पादन संवर्धन, कारोबार तथा उपयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की जाएगी और भविष्य के लिए रूप रेखा तैयार होगी। यह कन्वेंशन पारस्परिक सहयोग तथा नव सृजन (रनोवेशन) के लिए एक बेहतर मंच उपलब्ध करवाएगा।
जीपीसी के अध्यक्ष का कहना है कि दाल-दलहन स्थायी एवं नियमित खाद्य तंत्र के विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है और खाद्य सुरक्षा तथा पोषण की दृष्टि से भारत के लिए इसका महत्व कुछ ज्यादा ही है।
इस बार नई दिल्ली में इस कन्वेंशन का आयोजन हो रहा है। इसका समय और स्थान इससे बेहतर नहीं हो सकता था। वैश्विक दलहन उद्योग को एक मंच पर लाने एवं उसमें पारस्परिक सहयोग बढ़ाने का यह बेहतरीन अवसर साबित होगा।
यद्यपि भारत दुनिया में दलहनों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं खपतकर्ता देश है लेकिन यहां जीपीसी द्वारा कन्वेंशन आयोजित करने पर पहले ध्यान नहीं दिया गया जबकि ब्राजील, तुर्की, कनाडा, स्पेन, सिंगापुर, अमरीका, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसका आयोजन हो चुका है।
नैफेड के एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि भारत में इस कन्वेंशन का आयोजन इससे पहले कभी नहीं हुआ इसलिए उन्होंने जीपीसी बोर्ड के समक्ष इस बार भारत में इसके आयोजन का प्रस्ताव रखा जिस पर सहमति बन गई।