iGrain India - नई दिल्ली । ऐसा प्रतीत होता है कि चीनी का घरेलू बाजार धीरे-धीरे स्थिर होने लगा है। उद्योग समीक्षकों के अनुसार वर्ष 2024 में चीनी का भाव वर्ष 2023 की तुलना में कुछ नीचे रह सकता है मगर फिर भी सामान्य स्तर से ऊंचा रहने की संभावना है।
फिलहाल इसका दाम गिरकर गत तीन सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया है। इसका प्रमुख कारण फरवरी 2024 के लिए 22 लाख टन चीनी का विशाल फ्री सेल (NS:SAIL) मासिक कोटा नियत किया जाना तथा इसकी औद्योगिक मांग कमजोर रहना है।
सरकार ने एथनॉल निर्माण में गन्ना की सीमित मात्रा के उपयोग की अनुमति प्रदान की है जिससे चीनी का उत्पादन पूर्व अनुमान से बेहतर होने की उम्मीद है।
वैसे महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में प्रतिकूल मौसम के कारण गन्ना की फसल को पिछले साल हुए भारी नुकसान के कारण चीनी का उत्पादन 2022-23 के सीजन से काफी कम होने की आशंका है मगर उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ने के आसार हैं।
इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर चीनी के कुल उत्पादन में अपेक्षाकृत कम गिरावट आ सकती है। चीनी के निर्यात पर जून 2023 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
उधर दुनिया के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- ब्राजील में रिकॉर्ड उत्पादन होने एवं विशाल मात्रा में आपूर्ति जारी रहने से चीनी के वैश्विक बाजार मूल्य पर दबाव पड़ने लगा है।
भारत और थाईलैंड में कमजोर उत्पादन से चीनी की वैश्विक आपूर्ति में भारी कमी आने की जो चिंता बढ़ रही थी उसे ब्राजील ने कुछ हद तक दूर कर दिया है।
न्यूयार्क स्थित इंटर कांटीनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) में मार्च अनुबंध के लिए कच्ची चीनी (रॉ शुगर) का वायदा भाव गिरकर अब 22.86 सेंट प्रति पौंड (42,175 रुपए प्रति टन) पर आ गया है।
लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील की सरकारी एजेंसी- कोनाब ने गन्ना का उत्पादन बढ़कर 67.80 करोड़ टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। विश्लेषकों के मुताबिक क्रूड खनिज तेल का भाव नरम पड़ने से भी चीनी के दाम पर असर पड़ा है।
एक अग्रणी विश्लेषक फर्म के अनुसार वर्ष 2024 में आईसीई न्यूयार्क में कच्ची चीनी का औसत भाव 23.5 सेंट प्रति पौंड रहने का अनुमान है जो वर्ष 2023 में प्रचलित औसत मूल्य 24.1 सेंट प्रति पौंड से कम है।