iGrain India - मुम्बई । हालांकि अप्रैल- जनवरी के दस महीनों में भारत से ऑयल मील के कुल निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई मगर इसमें मुख्य योगदान सोया डीओसी का रहा जबकि रेपसीड मील, राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन एवं मूंगफली मील के शिपमेंट में गिरावट आई और अरंडी मील का निर्यात लगभग स्थिर रहा। जनवरी 2024 में देश से 4.77 लाख टन ऑयल मील का निर्यात हुआ जो जनवरी 2023 के शिपमेंट 4.72 लाख टन से कुछ ज्यादा है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के शुरूआती 10 महीनों में यानी अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान देश से ऑयल मील का कुल निर्यात बढ़कर 39.74 लाख टन पर पहुंच गया जो 2022-23 वित्त वर्ष की समान अवधि के शिपमेंट 32.88 लाख टन से 21 प्रतिशत अधिक है।
इसके तहत खासकर सोयामील का निर्यात 5.57 लाख टन से उछलकर 15.86 लाख टन पर पहुंच गया। जनवरी 2024 में देश से 3.75 लाख टन सोया डीओसी का निर्यात हुआ जो जनवरी 2023 के शिपमेंट 1.10 लाख टन की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है।
एसोसिएशन के अनुसार अप्रैल-जनवरी की अवधि के दौरान एक तो भारतीय सोयामील का निर्यात ऑफर मूल्य प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार रहा और दूसरे, अर्जेन्टीना से इसकी आपूर्ति घट गई क्योंकि वहां वर्ष 2023 में भयंकर सूखा पड़ने से सोयाबीन के उत्पादन में जबरदस्त गिरावट आ गई थी।
जनवरी-मार्च की वर्तमान तिमाही के दौरान अर्जेन्टीना में सोयाबीन की क्रशिंग सामान्य से कम होने की संभावना है जिससे वहां सोयामील का निर्यात योग्य स्टॉक सीमित रहेगा। इससे भारत को फरवरी तथा मार्च के दौरान भी सोयामील का बेहतर निर्यात प्रदर्शन जारी रखने में सहायता मिल सकती है।
लेकिन सरसों खल (रेपसीड मील) का निर्यात काफी घट गया और यह जनवरी 2023 के 2.38 लाख टन से गिरकर जनवरी 2024 में 71,472 टन पर अटक गया। सरसों का क्रशिंग कालीन या ऑफ़ सीजन चल रहा था और इसका घरेलू बाजार मूल्य भी कुछ ऊंचा हो गया था।
अप्रैल 2023 जनवरी 2024 के 10 महीनों में देश से 18.95 लाख टन रेपसीड मील का निर्यात हुआ जो 2022-23 के इन्हीं महीनों के कुल शिपमेंट 19.07 लाख टन से कुछ कम रहा।